Basant Panchami 2024: वसंत पंचमी क्यों मनाते हैं,जानें इसका धार्मिक और पर्यावरणीय महत्व

नई दिल्ली: वसंत पंचमी हिंदू धर्म के खास त्योहारों में से एक है. इस दिन ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है. ये त्यौहार माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है, और हिंदू परंपरा के मुताबिक साल को 6 ऋतुओं में विभाजित किया गया है और वसंत को […]

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Basant Panchami 2024: वसंत पंचमी क्यों मनाते हैं,जानें इसका धार्मिक और पर्यावरणीय महत्व

Shiwani Mishra

  • February 14, 2024 9:50 am Asia/KolkataIST, Updated 10 months ago

नई दिल्ली: वसंत पंचमी हिंदू धर्म के खास त्योहारों में से एक है. इस दिन ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है. ये त्यौहार माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है, और हिंदू परंपरा के मुताबिक साल को 6 ऋतुओं में विभाजित किया गया है और वसंत को सभी ऋतुओं का राजा कहा जाता है. दरअसल जिस दिन वसंत ऋतु की शुरुआत होती है उस दिन को वसंत पंचमी त्योहार के रूप में मनाया जाता है.

वसंत पंचमी का धार्मिक और सामाजिक दोनों ही महत्व है,और वसंत पंचमी जीवन में नई चीजें शुरू करने के लिए एक शुभ दिन है. साल के इस समय पेड़ों पर नई कोपलें निकलती हैं, और धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन मां सरस्वती प्रकट हुई थीं, इसलिए इस दिन वसंत पंचमी पर देवी सरस्वती की खास पूजा का आयोजन किया जाता है, और मां सरस्वती को ज्ञान और बुद्धि की देवी माना जाता है.

इसका धार्मिक और पर्यावरणीय महत्व

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Basant Panchami

हिंदू पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान ब्रह्मा ने इसी दिन ब्रह्मांड का निर्माण किया था. संसार की रचना करके जब उन्होंने देखा तो उन्हें चारों ओर सूनसान निर्जन ही दिखाई दिया है. बता दें कि माहौल काफी शांत लग रहा था, तब भगवान विष्णु की आज्ञा से ब्रह्माजी ने कमंडल से जल भूमि पर छिड़का है. उसके जल छिड़कने पर हाथ में जल लिए एक देवी प्रकट हुईं है. साथ ही एपिफेनी का पर्व पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है.

ये त्यौहार धार्मिक और पारिस्थितिक दोनों दृष्टि से महत्वपूर्ण है. साल के इस समय मौसम बदलना शुरू हो जाता है. नव पल्लव से आप मौसम में बदलाव साफ़ देख सकते हैं. ठंड में उगने वाले पेड़ और फूल एक आंतरिक आग को प्रज्वलित करते हैं और एक नई रचना की ओर बढ़ने लगते हैं. खेत में उगाने से वातावरण अधिक सुखद बनता है. बता दें कि ये नव सृजन का संकेतक त्योहार है, इसे नव ऊर्जा का संचार का त्योहार भी मन जाता है.

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