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Concussion: मस्तिष्काघात से बचने के लिए आजमाएं ये तरीका, घटा सकते हैं खतरा

नई दिल्ली: मस्तिष्काघात किस वजह से होता है, आइए हम इसके बारे में जानते है, मस्तिष्काघात तब होता है जब हमारे दिमाग के किसी हिस्से में खून का बहाव अचानक से रुक जाता है. इससे हमारे दिमाग की कोशिकाएं सही से काम नहीं कर पातीं और हमारे शरीर के अंगों को चलाने के लिए उनकी […]

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Concussion: मस्तिष्काघात से बचने के लिए आजमाएं ये तरीका, घटा सकते हैं खतरा
  • February 13, 2024 6:53 pm Asia/KolkataIST, Updated 10 months ago

नई दिल्ली: मस्तिष्काघात किस वजह से होता है, आइए हम इसके बारे में जानते है, मस्तिष्काघात तब होता है जब हमारे दिमाग के किसी हिस्से में खून का बहाव अचानक से रुक जाता है. इससे हमारे दिमाग की कोशिकाएं सही से काम नहीं कर पातीं और हमारे शरीर के अंगों को चलाने के लिए उनकी क्षमता में गड़बड़ी आ जाती है. अगर मस्तिष्काघात का सही समय पर इलाज न हो तो गंभीर समस्या का कारण बन सकता है, जैसे कि शरीर के किसी हिस्से का काम न करना. इसीलिए मस्तिष्काघात के लक्षणों को पहचानने करने के लिए ‘फास्ट (FAST)’ नामक एक आसान तरीका बताया गया है, ताकि इसे पहचानने के लिए तुरंत मदद ली जा सके।

चलिए जानते हैं ‘फास्ट (FAST)’ क्या है?

‘फास्ट (FAST)’ फॉर्मूला मस्तिष्काघात के लक्षणों को जल्दी से पहचानने का एक तरीका है. इसमें F से चेहरे की असमानता, A से बाहों में कमजोरी, S से बोलचाल में कठिनाई और T से समय के महत्व को बताया गया है. यह लक्षण जब दिखाई दें तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना जरूरी है. समय रहते उपचार शुरू करने से न सिर्फ मस्तिष्काघात के गंभीर परिणामों को रोका जा सकता है बल्कि जान भी बचाई जा सकती है।

F (चेहरा)

जब आप चेहरे पर ध्यान देंगे और इस दौरान पाएं कि एक तरफ का हिस्सा असामान्य रूप से नीचे की तरफ लटका हुआ है तो यह मस्तिष्काघात का संकेत हो सकता है।

A (हाथ)

जब आप दोनों हाथों को उठाने की प्रयास करेंगे और इस दौरान महसूस करेंगे कि एक हाथ दूसरे हाथ की तुलना में कमजोर लगता है तो सतर्क हो जाएं. हाथों में असमानता मस्तिष्काघात का एक आम लक्षण है।

S (बोली)

अगर आपको बोलते समय शब्दों को स्पष्ट रूप से उच्चारित करने में मुश्किल हो रही है या बातचीत में अव्यवस्थित भाषा का उपयोग हो रहा है तो यह मस्तिष्काघात का संकेत हो सकता है।

T (समय)

जैसे ही चेहरे की असमानता, बाहों में कमजोरी या बातचीत में कठिनाई जैसे मस्तिष्काघात के लक्षण नजर आएं तो समय रहते उपचार करना शुरू करें।

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