नई दिल्ली: हर व्यक्ति का सपना होता है कि उसका अपना एक घर हो. बता दें कि घर को मंदिर की संज्ञा दी जाती है, इसलिए हिंदू धर्म में घर में पूजा-पाठ कर किया जाता है, और शुभ मुहूर्त में किया गया गृह प्रवेश घर में सुख-समृद्धि लाता है, साथ ही शांति बनी रहती है, […]
नई दिल्ली: हर व्यक्ति का सपना होता है कि उसका अपना एक घर हो. बता दें कि घर को मंदिर की संज्ञा दी जाती है, इसलिए हिंदू धर्म में घर में पूजा-पाठ कर किया जाता है, और शुभ मुहूर्त में किया गया गृह प्रवेश घर में सुख-समृद्धि लाता है, साथ ही शांति बनी रहती है, और मां लक्ष्मी का वास होता है. बता दें कि इस साल आप भी अपने सपनों के आशियाने में जाने का सोच रहे हैं. तो इस साल 2024 के गृह प्रवेश का शुभ मुहूर्त, महत्व , विधि और समस्त जानकारी आइए जानें…..
गृह प्रवेश किसी व्यक्ति के जीवन का एक महत्वपूर्ण और यादगार पल होता है. बता दें कि एक मूल्यवान घर खरीदने की आपकी इच्छा को पूरा करने के लिए, गृह प्रवेश शुभ मुहूर्त नए और पुराने घरों पर विचार करता है. दरअसल वास्तु शास्त्र के मुताबिक शुभ दिन, समय, तारीख और राशि को ध्यान में रखकर ही घर में प्रवेश करने से सकारात्मक ऊर्जा लंबे समय तक रहती है, और जब आप पूजा करके अपने घर में प्रवेश करेंगे तो आप पर सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद रहेगा और कोई भी बुरी शक्ति आपके घर में प्रवेश नहीं कर पाएगी, और परिवार में हमेशा सकारात्मकता बनी रहती है.
1. 12 फरवरी 2024 सोमवार दोपहर 02.54 – शाम 05.44 बजे तक तृतीया उत्तर भाद्रपद
2. 14 फरवरी 2024 बुधवार प्रातः 07:01 – प्रातः 10 43 पंचमी रेवती
3. 19 फरवरी 2024 सोमवार प्रातः 06:57 – प्रातः 10.33 बजे दशमी, एकादशी मृगशिरा
4. 26 फरवरी 2024 सोमवार प्रातः 06.50 – प्रातः 04.31 बजे 27 फरवरी द्वितीया, तृतीया उत्तरा फाल्गुनी
5. 28 फरवरी 2024 बुधवार प्रातः 04.18 – प्रातः 06:47, और 29 फरवरी
6. 29 फरवरी 2024 गुरुवार सुबह 06:47 – सुबह 10 22 बजे पांचवीं छवि
1. शास्त्रों के मुताबिक गृह प्रवेश की पूजा का शुभ समय पर ही शुरू और समाप्त करनी चाहिए.
2. घर के मुख्य द्वार पर प्रार्थना और अर्चना करें, घर के मुख्य दरवाजे पर नियमित रूप से घर के उत्तर-पूर्व कोने में पूजा करें, और पूजा स्थान पर अनाज से नवग्रह पूजन भी करें.
3. सबसे पहले गृह प्रवेश में गणपति की पूजा करें और फिर पति-पत्नी मिलकर नवग्रह, दशो दिगपात, रक्षपाल, ग्राम देवता, स्थान देवता आदि समेत सभी की पूजा करें.
4.मुख्य दरवाजे के दोनों ओर जल के पात्र पर दीपक जलाकर रखें दें,
5. मुख्य द्वार पर स्वस्तिक जरूर लगाएं, इसके बाद सबसे पहले रसोईघर की भी पूजा करें.
6. साथ ही सत्यनारायण व्रत कथा जरूर सुनें, और फिर ब्राह्मणों को भोजन कराएं.
काम की बात: क्या कार में अधिक एसी का उपयोग करने से माइलेज पर असर पड़ता है या नहीं जानें