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Bhuteshwar Temple: कई रहस्यों से भरा है बुलंदशहर का ये प्राचीन मंदिर, जिसे भूतों ने रातों-रात तैयार किया!

नई दिल्ली। देवों के देव महादेव, समस्त देवी-देवताओं में से सबसे भोले-भाले माना जाता है, इसीलिए उन्हें भोलनाथ भी कहा जाता है। इसी वजह से यह भी माना जाता है कि भोलेनाथ अपने भक्तों पर शीघ्र ही प्रसन्न होकर उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इसके अलावा, भोलेनाथ को सहांर के देवता का दर्जा भी […]

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Bhuteshwar Temple
  • February 4, 2024 7:49 pm Asia/KolkataIST, Updated 11 months ago

नई दिल्ली। देवों के देव महादेव, समस्त देवी-देवताओं में से सबसे भोले-भाले माना जाता है, इसीलिए उन्हें भोलनाथ भी कहा जाता है। इसी वजह से यह भी माना जाता है कि भोलेनाथ अपने भक्तों पर शीघ्र ही प्रसन्न होकर उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इसके अलावा, भोलेनाथ को सहांर के देवता का दर्जा भी प्राप्त है। आज हम आपको भगवान शिव के एक ऐसे प्रसिद्ध मंदिर (Bhuteshwar Temple) के बारे में बताने जा रहे हैं, जो प्राचीन होने के साथ-साथ बेहद महत्वपूर्ण भी है।

दरअसल, उत्तर प्रदेश के जनपद बुलंदशहर में भूतेश्वर मंदिर (Bhuteshwar Temple) लोगों के लिए हमेशा से ही एक रहस्य बना हुआ है। ऐसा कहा जाता है कि भूतेश्वर मंदिर भूतों का मंदिर था, जहां आज बाबा भोलेनाथ की पूजा होती है। करीब 550 साल पुराना यह मंदिर रहस्यों से भरा हुआ है कि आखिर इस मंदिर का निर्माण किसने करवाया था? वहीं कुछ लोगों का यह मानना है कि ये भूतों का मंदिर है। साथ ही यहां आने वाले भक्तों का मानना है कि मंदिर में विराजमान बाबा भूतेश्वर सबकी मनोकामनाओं को शीघ्र पूरा करते हैं। यही नहीं, सावन माह में यहां दूर-दूर से श्रद्धालु, बाबा भोलेनाथ के दर्शन के लिए आते हैं।

दर्शन मात्र से पूरी हो जाती है मनोकामना

इस मंदिर को लेकर, स्थानीय लोगों का कहना है कि इसका निर्माण भूतों के द्वारा कराया गया था। खास बात ये है कि इस मंदिर को रातों रात बनवाया गया था। इसी वजह से इसका नाम भूतेश्वर महादेव मंदिर पड़ा और अब लोग दूर-दूर से यहां अपनी मन्नत मांगने आते हैं। जिसके बाद भोले बाबा के दर्शन करने के बाद लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती है।

स्थानीय लोगों का अटूट विश्वास

बता दें भूतेश्वर (Bhuteshwar Temple) का अर्थ है भूतों के ईश्वर। यहां स्थानीय लोगों का भूतेश्वर महादेव में अटूट विश्वास देखा जाता है। जिनका मानना है कि भूतेश्वर बाबा किसी की भी मनोकामना को व्यर्थ नहीं जाने देते। कोई भक्त बाबा के मंदिर की दहलीज से मायूस होकर नहीं जाता। साथ ही जिसकी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं वो यहां बाबा को खुर्जा की खुरचन चढ़ाते हैं।

यहां भूतेश्वर महादेव मंदिर में रोजाना प्रात: 5 बजे महादेव की आरती की जाती है। इस दौरान सैकड़ों भक्त इसमें शामिल होते हैं। ये बेहद अद्भुत नजारा होता है, क्योंकि यहां हर हर महादेव हर-हर शंभू शिवा महादेवा की गूंज से माहौल आनंदमय हो जाता है। यहां के लोगों की ये कोशिश होती है कि महादेव की आरती में जरूर हिस्सा ले सकें।

मंदिर के भीतर विराजमान हैं तीन शिवलिंग

वहीं, भूतेश्वर मंदिर (Bhuteshwar Temple) के महंत लक्ष्मण गिरि के अनुसार, भूतेश्वर मंदिर लगभग 550 साल पुराना है। यहां दूर-दूर से लोग पूजा करने के लिए आते हैं। मंदिर के भीतर तीन शिवलिंग हैं, जबकि इस मंदिर के अंदर वह छठवीं पीढ़ी के महंत हैं, उनकी पांच पीढ़ियों ने इस मंदिर की सेवा की थी। इसके अलावा, महंत गिरि का भूतों को लेकर कहना है कि ये लोगों की अफवाह है, ऐसा कुछ नहीं है। यह बाबा भोलेनाथ का बेहद प्रसिद्ध भूतेश्वर मंदिर है। इस मंदिर के अंदर सुबह-शाम आरती होती है। साथ ही बाबा भोलेनाथ को मनाने के लिए उनकी शिवलिंग पर जल चढ़ाकर लोग अपनी मन्नतें मांगते हैं।

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