चंडीगढ़: चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी को मतपत्रों से छेड़छाड़ कर जिताने का आरोप लगाते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में 30 जनवरी को याचिका दाखिल की गई है. इस याचिका में कहा गया है कि आप-कांग्रेस गठबंधन के पास बहुमत होते हुए भी वोटिंग काउंटिंग के दौरान पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने मतपत्रों से […]
चंडीगढ़: चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी को मतपत्रों से छेड़छाड़ कर जिताने का आरोप लगाते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में 30 जनवरी को याचिका दाखिल की गई है. इस याचिका में कहा गया है कि आप-कांग्रेस गठबंधन के पास बहुमत होते हुए भी वोटिंग काउंटिंग के दौरान पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने मतपत्रों से छेड़छाड़ की।
वहीं याचिका में चुनाव से जुड़ा पूरा रिकॉर्ड सील करने, मेयर चुनाव की प्रक्रिया को रद्द करने, इस पूरी चुनावी प्रक्रिया में हुई धांधली की जांच करवाने, मेयर के पदभार संभालने पर रोक लगाने और हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में नए सिरे से चुनाव करवाने का निर्देश जारी करने की अपील की गई है।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव का मामला एक बार फिर से विवाद में आ गया है और इस चुनाव में मेयर पद के लिए धांधली का आरोप लगाते हुए कांग्रेस-आप के प्रत्याशी कुलदीप कुमार ने चुनाव को रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है।
इस याचिका में बताया गया है कि 30 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव तय हुए थे. वहीं तय कार्यक्रम के तहत 30 जनवरी को चुनाव भी हुआ, लेकिन कांग्रेस-आप के 20 में से 8 वोट मेयर चुनाव में अवैध करार दे दिए गए, जिसके कारण भीजेपी का उम्मीदवार मेयर पद के लिए चुन लिया गया।
इस याचिका में आरोप लगाया है कि वोटों की गिनती के दौरान पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने मतपत्रों से छेड़छाड़ की जिसके कारण उनके वोट अवैध करार दिए गए. कुलदीप कुमार की ओर से सीनियर एडवोकेट गुरमिंदर सिंह ने दोपहर दो बजे के बाद हाईकोर्ट से आग्रह किया कि उनकी इस याचिका पर तत्काल सुनवाई की जाए।