नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट इतिहास में भारत का पहली पारी में 100+ रन की बढ़त लेने के बावजूद किसी टेस्ट मैच को हारने के अभी तक सिर्फ कुल तीन मामले हुए हैं। लेकिन अभी तक यह दोनों मुकाबले विदेशी मैदानों में हुए थे। इससे पूर्व पहली पारी में बढ़त के बावजूद भारतीय टीम की घरेलू […]
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट इतिहास में भारत का पहली पारी में 100+ रन की बढ़त लेने के बावजूद किसी टेस्ट मैच को हारने के अभी तक सिर्फ कुल तीन मामले हुए हैं। लेकिन अभी तक यह दोनों मुकाबले विदेशी मैदानों में हुए थे। इससे पूर्व पहली पारी में बढ़त के बावजूद भारतीय टीम की घरेलू मैदान पर सबसे बड़ी हार 1964/65 में चेन्नई में हुई थी, जब ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय टीम को 139 रनों से हराया था.
जबकि उस मैच में वह पहली पारी के अंत तक 65 रनों से पीछे था। यह भी दूसरा वाकया है जब एक टीम ने 100+ रन की बढ़त लेने के बाद भारतीय मैदान में जीत हासिल की है, ऐसा ही कुछ 2001 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ऐतिहासिक कोलकाता टेस्ट मैच में हुआ था।
इस मैच में 28 रनों की हार का अंतर भारत के लिए टेस्ट इतिहास में चौथी सबसे कम अंतर की हार है, इससे पहले 1999 में चेन्नई में पाकिस्तान के खिलाफ 12 रनों की हार और 1977 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिस्बेन में 16 रनों से और 1987 में पाकिस्तान के खिलाफ बेंगलुरु में 16 रनों से हार हुई थी। इंग्लैंड के खिलाफ पिछला सबसे करीबी अंतर 2018 में एडजबास्टन में 31 रनों का था।
भारत के 436 का स्कोर उनके लिए दूसरा सबसे उच्च स्कोर है, जिसमें भारतीय टीम को घर में हार मिली हो। साल 2005 में बेंगलुरु में पाकिस्तान के खिलाफ 449 के स्कोर के बावजूद भारतीय टीम को हार मिली थी।
लगभग 51 घरेलू टेस्ट में ऐसा पहली बार हुआ है जिसमें रवींद्र जडेजा और आर अश्विन दोनों ने टेस्ट मैच के दूसरे पारी में 100+ रन दिए हैं। दोनों ने लगभग 4.18 दर प्रति ओवर से बॉलिंग की, जो उनके लिए घरेलू टेस्ट मैच में 50 ओवर से अधिक बॉलिंग करने के बाद का सबसे खराब प्रदर्शन रहा।
7/62 टॉम हार्टली का यह प्रदर्शन बतौर इंग्लैंड स्पिनर अपने डेब्यू मैच में किया गया दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है, टॉम हार्टली से पहले 1933 में जेम्स लैंग्रिज का वेस्टइंडीज के खिलाफ 7/56 सर्वश्रेष्ठ हैं। यह टॉम का फर्स्ट-क्लास क्रिकेट का भी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हैं और उनका दूसरा पंजा भी है, इससे पहले टॉम ने 2022 में सरे के खिलाफ 5/52 लिया था।
1945 के बाद यह चौथी बार हुआ जब इंग्लैंड के तेज़ गेंदबाजों को किसी एक टेस्ट मैच में कोई विकेट नहीं मिल पाया।इससे पूर्व 1952 में कानपुर,1956 में मैंचेस्टर, और हाल ही में 2018 में पल्लेकेले में ऐसा हुआ था।
ओली पॉप द्वारा बनाए गए 196 रन भारतीय मिट्टी में किसी भी विदेशी बैट्समैन द्वारा दूसरी पारी का चौथा सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत स्कोर हैं। इस मैच से पहले पॉप के पास भारतीय मैदानों पर खेले गए उनके कुल नौ पारियों में सिर्फ 154 रन दर्ज थे, जिसमें उनका औसत 17.11 और उच्चतम 34 रन था।
जब कोई टीम 190 रन या इससे अधिक से पीछे थी, तो ओली पॉप के 196 से अधिक रन बनाने वाले अभी तक कुल छह खिलाड़ी रह चुके हैं इनमें सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी VVS Laxman हैं जिन्होंने 281 रन बनाए और इंग्लैंड के Dennis Amiss और Alastair Cook ने भी कुछ ऐसी स्थिति में पॉप से अधिक रन बना चुके हैं।