नई दिल्लीः बिहार में पिछले कई दिनों से चल रही सियासी उठापटक का रविवार को पटाक्षेप हो गया और नीतीश कुमार ने नौंवी बार सीएम पद की शपथ ली. उनके साथ बीजेपी के सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. नीतीश कुमार ने राजद को झटका देते रविवार यानी 28 […]
नई दिल्लीः बिहार में पिछले कई दिनों से चल रही सियासी उठापटक का रविवार को पटाक्षेप हो गया और नीतीश कुमार ने नौंवी बार सीएम पद की शपथ ली. उनके साथ बीजेपी के सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. नीतीश कुमार ने राजद को झटका देते रविवार यानी 28 जनवरी की सुबह सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके साथ आठ मंत्रियों ने भी शपथ ली है। आइए जानते हैं उन आठों मंत्रियों के राजनीतिक करियर के बारे में.
1.सम्राट चौधरीः फिलहाल बिहार भाजपा के अध्यक्ष है। उन्होंने राजनीति में 1990 में कदम रखा। 19 मई 1999 में बिहार सरकार में कृषी मंत्री बने। साल 2000 और 2010 से परबता विधानसभा से चुनाव लड़े और जीते। साल 2010 में उन्हें बिहार विधानसभा का मुख्य सचेतक बनाया गया था।
2.विजय सिन्हाः विजय सिन्हा बिहार भाजपा के कद्दावर नेता है। वो बिहार विधानसभा में भाजपा की तरफ से नेता प्रतिपक्ष थे। साल 2000 में विजय सिन्हा को भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश संगठन प्रभारी की जिम्मेदारी मिली थी, 2004 में बीजेपी के प्रदेश कार्य समिति के सदस्य बने, बीजेपी के किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री बने, फिर बीजेपी ने उन्हें बेगुसराय और खगड़िया जिला का क्षेत्रीय प्रभारी भी बनाया था। वह फिलहाल लखीसराय से विधायक है।
3.प्रेम कुमारः बिहार विधानसभा में भाजपा के नेता प्रेम कुमार 1990 में पहली बार विधायक बने। 26 नवंबर 2005 से 13 अप्रैल 2008 तक मंत्री, सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग। 14 अप्रैल 2008 से 25 नवंबर 2010 तक सड़क निर्माण विभाग के मंत्री। मंत्री, शहरी विकास विभाग, 26 अप्रैल 2010 से 15 जून 2013 तक। 4 दिसंबर 2015 से 28 जुलाई 2017 तक नेता प्रतिपक्ष बिहार विधानसभा रहे।
4.विजय कुमार चौधरीः विजय कुमार चौधरी साल 1982 में दलसिंहसराय विधानसभा से चुनाव जीते। उसके बाद 1985 और 1990 में विधानसभा चुनाव जीते। साल 2000 से 2005 तक बिहार कांग्रेस कमेटी के महासचिव रहे। वहीं 2005 में जदयू में शामिल हो गए और नीतीश कुमार की सरकार में कई बार मंत्री पद संभाला। फिलहाल में सराजरंजन से विधायक हैं।
5.विजेंद्र प्रसाद यादवः विजेंद्र प्रसाद यादव जदयू के वरिष्ठ नेता है। वो 1967 में राजनीति में आए। वो साल 1990 से 2015 तक परिवहन मंत्री से लेकर वित्त मंत्री का जिम्मेदारी संभाल चुके हैं, फिलहाल सुपौल से विधायक हैं।
6. श्रवण कुमारः श्रवण कुमार जदयू के वरिष्ठ नेता है। उनका राजनीतिक जीवन जेपी आंदोलन से शुरू हुआ और 1995 से नालंदा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक रहे हैं। वह बिहार विधान सभा में जनता दल के मुख्य सचेतक हैं। उन्हें नीतीश कुमार का करीबी माना जाता है, वर्तमान में नालंदा से विधायक है।
7. संतोष कुमार सुमनः संतोष कुमार सूमन पूर्व सीएम जीतनराम मांझी के बेटे है। 2018 में बिहार विधान परिषद के सदस्य बनाए गए थे। इसके बाद 16 नवंबर साल 2020 में नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री पद का शपथ ग्रहण किया था। 2020 में संतोष सुमन को लघु सिंचाई मंत्री के साथ ही अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण मंत्रालय का मंत्री बनाया गया था।
8. सुमित कुमार सिंहः सुमित सिंह की राजनीति की शुरुआत 2010 में हुई थी। जब वह झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट पर बिहार के जमुई जिले की चकाई विधानसभा से पहली बार विधानसभा पहुंचे थे। उन्होंने 2015 में निर्दलीय के रूप में भी चुनाव लड़ा लेकिन सफल नहीं हुए । वहींं 2020 के विधानसभा चुनाव में जनता ने उन्हें फिर से निर्दलिय विधायक चुन लिया। वहीं एक बार फिर से वो नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री बन गये हैं।