नई दिल्ली: सनातन धर्म में दुर्गा माता की आराधना के लिए महापर्व नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। बता दें कि नवरात्रि दो प्रकार(प्रकट और गुप्त) की होती हैं। वहीं, दोनों प्रकार की नवरात्रि साल में दो बार मनाई जाती हैं। इस तरह से साल में चार बार नवरात्रि मनाने का विधान है। हालांकि सनातन […]
नई दिल्ली: सनातन धर्म में दुर्गा माता की आराधना के लिए महापर्व नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। बता दें कि नवरात्रि दो प्रकार(प्रकट और गुप्त) की होती हैं। वहीं, दोनों प्रकार की नवरात्रि साल में दो बार मनाई जाती हैं। इस तरह से साल में चार बार नवरात्रि मनाने का विधान है। हालांकि सनातन धर्म ग्रंथों के मुताबिक प्रकट नवरात्रि में दुर्गा माँ की सार्वजनिक रूप से पूजा की जाती है। वहीं, गुप्त नवरात्रि(Magh Gupt Navratri 2024) में काली माँ और दस महाविद्या की पूजा गुप्त रूप से किया जाता है।
बता दें कि तांत्रिक और अघोरियों के लिए गुप्त नवरात्रि महत्वपूर्ण होती है। इस समय गुप्त रूप से पूजा कर अघोरी तंत्र-मंत्र की सिद्धि प्राप्त करते हैं और गृहस्थ जीवन वालों को इस दौरान देवी दुर्गा की सामान्य रूप से पूजा करनी चाहिए। ऐसी माना जाता है कि इससे समस्त संकटों का नाश होता है।
जानकारी दे दें कि माघ गुप्त(Magh Gupt Navratri 2024) नवरात्रि 10 फरवरी 2024 को सुबह 04 बजकर 28 मिनट पर शुरू होगी और 1 फरवरी 2024 को शाम 12 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगी। गुप्त नवरात्रि माघ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है और तंत्र साधना के लिए गुप्त नवरात्रि बहुत ही महत्वपूर्ण और शुभ अवसर मानी जाती है।
ऐसाी मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की 10 महाविद्या प्रकट हुईं थी। इस दौरान देवी शक्ति के 32 अलग-अलग नामों का जाप ‘देवी महात्म्य’, ‘दुर्गा सप्तशती’ और ‘श्रीमद्-देवी भागवत’ जैसे धार्मिक ग्रंथों का पाठ करना सभी समस्याओं को समाप्त कर जीवन में शांति लाता है। वहीं, गुप्त नवरात्रि में गई साधना जन्मकुंडली के समस्त दोषों को दूर करने वाली और अर्थ, धर्म, काम व मोक्ष देने वाली होती है।