त्रिपुरा के गवर्नर का सवाल, मुसलमान खुले में क्यों नहीं खाते पोर्क

नई दिल्ली. त्रिपुरा के गवर्नर तथागत रॉय ने कहा है कि देश में चल रही असहिष्णुता की जंग तभी बैलेंस हो सकती है जब मुसलमान भी खुले में पोर्क (सूअर का मांस) खाएं. बता दें कि तथागत पश्चिम बंगाल के बीजेपी प्रेसिडेंट भी रह चुके हैं. तथागत ने असहिष्णुता के खिलाफ पुरस्कार लौटा रहे लोगों […]

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त्रिपुरा के गवर्नर का सवाल, मुसलमान खुले में क्यों नहीं खाते पोर्क

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  • November 18, 2015 1:14 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली. त्रिपुरा के गवर्नर तथागत रॉय ने कहा है कि देश में चल रही असहिष्णुता की जंग तभी बैलेंस हो सकती है जब मुसलमान भी खुले में पोर्क (सूअर का मांस) खाएं. बता दें कि तथागत पश्चिम बंगाल के बीजेपी प्रेसिडेंट भी रह चुके हैं. तथागत ने असहिष्णुता के खिलाफ पुरस्कार लौटा रहे लोगों को भी डबल स्टैण्डर्ड करार दिया. 
 
बीफ बैन पर क्या कहा
रॉय ने कहा कि वो पब्लिकली बीफ खाने का फेवर नहीं करते लेकिन कुछ लोग ऐसा करते हैं. हालांकि, इन लोगों को हक है कि वो जो चाहें, वो खाएं लेकिन मामला तब बराबर होगा जब मुस्लिम पब्लिकली पोर्क खाएं. तब लगेगा कि इन्टॉलरेन्स के खिलाफ जंग हो रही है.  रॉय ने आगे कहा, “कुछ दिनों पहले सीपीएम लीडर और कोलकाता के पूर्व मेयर बिकास भट्टाचार्य ने पब्लिकली बीफ खाया. मैं उनके इस कदम की तारीफ करता यदि वो सीपीएम में अपने साथी और सांसद मोहम्मद सलीम को भी वहां बुलाते और उनके साथ पोर्क खाते. लेकिन क्या ऐसा हुआ? अगर ऐसा होता तो फिर मेरे पास बीफ फेस्टिवल को क्रिटिसाइज करने की कोई वजह नहीं रह जाती.”
 
कलाकारों के विरोध पर क्या बोले?
रॉय के मुताबिक इन्टॉलरेंस के मुद्दे पर डबल स्टैण्डर्ड अपनाया जा रहा है. रॉय के मुताबिक, इन्टॉलरेंस तो इन्टॉलरेंस है, इसकी जांच भी फिर एक ही तरीके से होनी चाहिए लेकिन इसका उल्टा हो रहा है रॉय के मुताबिक इस दोहरे रवैये के कारण किसी मामले में कोई हेल्प नहीं मिलने वाली. अगर हमें इस देश से इन्टॉलरेंस खत्म करनी है तो इसमें मीडिया का भी अहम रोल होगा लेकिन यह भी ध्यान रखना होगा कि मीडिया तो खुद अपने खिलाफ होने वाली इन्टॉलरेंस को खत्म नहीं कर पा रहा है. 

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