नई दिल्लीः आज पूरा देश 75वां गणतंत्र दिवस का जश्न माना रहा है। 26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागू हुआ था और भारत गणतंत्र बना था। इसीलिए हर वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। क्या आप जानते हैं कि गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज […]
नई दिल्लीः आज पूरा देश 75वां गणतंत्र दिवस का जश्न माना रहा है। 26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागू हुआ था और भारत गणतंत्र बना था। इसीलिए हर वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। क्या आप जानते हैं कि गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के नियम और तरीके अलग-अलग तरह के हैं। अगर नहीं तो चलिए हम आपको बताते हैं कि गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण के अंतर के बारे में।
स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने से पहले उसे बांधकर पोल (खंभे) के पास रख दिया जाता है। जब प्रधानमंत्री राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए डोरी खींचते हैं तो पहले तिरंगा ऊपर उठता है और फिर फहराता है, इसे ध्वजारोहण (फ्लैग होस्टिंग) बोला जाता है।
बता दें वहीं गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराने के से पहले उसे बांधकर पोल के शीर्ष पर बांध दिया जाता है, जब राष्ट्रपति डोरी खींचते हैं तो वह फहरने लगता है। इसे झंडा बंधन या झंडा फहराना (अन्फर्ल) कहते हैं।
जानकारी के लिए बता दें इसके पीछे का कारण है कि जब देश आजाद हुआ था, तब तत्कालीन प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ब्रिटिश सरकार का झंडा उतारकर भारत के झंडे को ऊपर चढ़ाकर फहराया था। उस समय भारत का कोई आधिकारिक राष्ट्रपति नहीं था। उस वक्त लॉर्ड माउंटबेटन भारत के गर्वनर थे, लेकिन वे ब्रिटिश सरकार के अफसर थे। इसलिए यह कार्य PM ने किया था। वहीं जब डॉ. राजेंद्र प्रसाद देश के पहले राष्ट्रपति बने तो उन्होंने 26 जनवरी, 1950 को पहले गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराया, उस समय राष्ट्रीय ध्वज पहले से ही ऊपर बंधा था तो उसे खोलकर फहराया गया था, ऊपर उठाकर नहीं। तब से हर वर्ष गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति झंडा फहराने का कार्य करते हैं।
स्वतंत्रता दिवस ध्वजारोहण लाल किले की प्राचीर से होता है, वहीं गणतंत्र दिवस तिरंगा राजपथ पर फहराया जाता है।
26 जनवरी को राष्ट्रपति ध्वज फहराते हैं, जबकि 15 अगस्त पर देश के PM ध्वजारोहण करते हैं।
बता दें गणतंत्र दिवस के मौके पर दूसरे देश के राजनयिकों को आमंत्रित किया जाता है, जबकि स्वतंत्रता दिवस पर किसी भी अतिथि को आमंत्रित नहीं किया जाता है।
गणतंत्र दिवस समारोह का समापन 29 जनवरी को बीटिंग रिट्रीट समारोह के साथ किया जाता है, स्वतंत्रता दिवस पर आयोजन 15 अगस्त को खत्म हो जाता है।
गणतंत्र दिवस पर देश की सैन्य ताकत व सांस्कृतिक समृद्धि की झलक देशवासियों के सामने झांकियों के माध्यम से प्रस्तुत की जाती है जबकि स्वतंत्रता दिवस पर देश की उपलब्धियां PM बताते हैं।
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