नई दिल्ली। वैसे तो आपने इतिहास के अनेक युद्धों के विषय में सुना और पढ़ा ही होगा। अकसर इन युद्धों के पीछ कई बड़े कारण छिपे होते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि महज एक बाल्टी के लिए दो शहरों में इस कदर भीषण युद्ध हो गया कि इसमें 2,000 लोगों की जान […]
नई दिल्ली। वैसे तो आपने इतिहास के अनेक युद्धों के विषय में सुना और पढ़ा ही होगा। अकसर इन युद्धों के पीछ कई बड़े कारण छिपे होते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि महज एक बाल्टी के लिए दो शहरों में इस कदर भीषण युद्ध हो गया कि इसमें 2,000 लोगों की जान चली गई। जी हां ये कोई कहानी नहीं बल्कि असल घटना है, जहां एक भीषण युद्ध सिर्फ एक बाल्टी(War of the Bucke) के लिए हुआ था।
दरअसल, सन् 1325 में इटली के दो शहरों बोलोग्ना और मोडेना के बीच यह युद्ध लड़ा गया था। इसे बैटल ऑफ जैपोलिनो (Battle of Zappolino) और वॉर ऑफ द ओकन बकेट (The War of The Bucket) के नाम भी जाना जाता है। जिसमें सिर्फ एक बाल्टी के लिए दो हजार लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। एक रिपोर्ट के मुताबिक, मोडेना के सैनिकों का एक समूह बोलोग्ना में घुसकर शहर के बीचो-बीच निर्मित एक कुएं के निकट रखी बाल्टी को चोरी करके ले गया। मोडेना की इस हरकत को बोलोग्ना ने अपनी बेइज्जती समझा और मोडेना के सैनिकों से उस बाल्टी को वापस करने के लिए कहा। लेकिन मोडेना के सैनिकों ने उनकी बात नहीं मानी और यहीं से इस नरसंहार की नींव पड़ी।
जब मोडेना के सैनिकों ने बाल्टी(War of the Bucke) वापस करने से इनकार कर दिया, तो बोलोग्ना के सैनिक काफी नाराज हो गए। जिसके बाद गु्स्से में उन्होंने मोडेना के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया। इस दौरान जैपोलिनो युद्ध के लिए बोलोग्ना की सेना 30 हजार पैदल सैनिक और दो हजार घुड़सवारों के साथ आई जबकि इसके जवाब में मोडेना के पास केवल पांच हजार पैदल सेनिक और दो हजार घुड़सवारों की सेना ही थी। भले ही मोडेना की सेना कम थी लेकिन उनके मजबूत हौसले ने बोलोग्ना की सेना को करारी शिकस्त दी।
युद्ध मैदान में मोडेना के सैनिकों ने इस कदर आतंक मचाया कि बोलोग्ना के सैनिक मैदान छोड़कर ही भाग गए। बताया जाता है कि इस युद्ध में दोनों ओर से करीब दो हजार लोगों की मौत के बाद मोडेना और बोलोग्ना शहर के बीच एक समझौता हुआ, जिसमें मोडेना ने बोलोग्ना से लूटा हुआ सारा सामान उन्हें वापस लौटा दिया। लेकिन जिस बाल्टी के कारण ये युद्ध हुआ था वो मोडेना ने बोलोग्रा को कभी भी वापस नहीं लौटाया। आज भी ये बाल्टी मोडेना शहर में स्थित टोरे डेला घिरालैंडिना नामक एक तहखाने में मौजूद है।
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