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Basant Panchami 2024 Date: कब है साल 2024 कि बसंत पंचमी? जानें तिथि और मुहूर्त

नई दिल्ली: माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन संगीत, विद्या और कला की देवी सरस्वती की पूजा का विधान है। सनातन धर्म में मां सरस्वती की पूजा अचूक मानी गई हैं, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इनकी कृपा के बिना बुद्धि, विद्या […]

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Basant Panchami 2024 Date: कब है साल 2024 कि बसंत पंचमी? जानें तिथि और मुहूर्त
  • January 19, 2024 3:33 pm Asia/KolkataIST, Updated 11 months ago

नई दिल्ली: माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन संगीत, विद्या और कला की देवी सरस्वती की पूजा का विधान है। सनातन धर्म में मां सरस्वती की पूजा अचूक मानी गई हैं, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इनकी कृपा के बिना बुद्धि, विद्या का आशीर्वाद नहीं मिलता। कला और छात्रों से जुड़े लोगों के लिए ये दिन बहुत खास माना जाता है। बसंत पंचमी को श्री पंचमी, सरस्वती पूजा, सरस्वती पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। चलिए जानते हैं कि सरस्वती पूजा का मुहूर्त और तिथि।

बसंत पंचमी 2024 तिथि

जानकारी दे दें कि बसंत पंचमी 14 फरवरी 2024 यानी कि बुधवार को मनाई जाएगी। इस दिन देवी सरस्वती की कृपा से संसार के सभी जीव-जंतुओ को वाणी के संग बुद्धि और विद्या मिली थी। धर्म ग्रंथों के मुताबिक बसंत पंचमी के दिन ही प्रेम के देवता कामदेव और उनकी पत्नि रति की उपासना का भी विधान है।

बसंत पंचमी 2024 मुहूर्त

पंचांग के मुताबिक माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 13 फरवरी 2024 को दोपहर 02:41 मिनट पर शुरू होगी। अगले दिन 14 फरवरी 2024 को दोपहर 12:09 मिनट पर समाप्त होगी और इस दिन सरस्वती पूजा सुबह करना श्रेष्ठ होता है।

  • सरस्वती पूजा मुहूर्त :- सुबह 07:00 – दोपहर 12:35
  • अवधि – 5 घंटे 35 मिनट

बसंत पंचमी महत्व

पौराणिक कथा के मुताबिक देवी सरस्वती ने जब श्रीकृष्ण को देखा तो वो उनके रूप पर मोहित हो गई और पति के रूप में पाने की इच्छा करने लगी। भगवान कृष्ण को जब इस बात का पता चला तो, कृष्ण ने कहा कि वे तो राधा के प्रर्ति समर्पित है। ऐसे में सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए उन्होंने वरदान दिया कि विद्या की इच्छा रखने वाला प्रत्येक व्यक्ति माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को तुम्हारा पूजन करेगा, उसे हर क्षेत्र में सफलता मिलेगी।

ज्ञान प्राप्ति, आलस्य और सुस्ती एवं अज्ञानता से छुटकारा पाने के लिए, इस दिन देवी सरस्वती की उपासना करते हैं और कई प्रदेशों में आज के दिन शिशुओं को पहला अक्षर लिखना सिखाया जाता है।

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