नई दिल्ली: सरकार ने शराब उत्पादन के लिए गन्ने के रस से बने शीरा के निर्यात पर 50 प्रतिशत शुल्क लगा दिया है. यह 18 जनवरी से लागू हो जाएगा. वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी एक अधिसूचना के मुताबिक शीरा पर 50 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगेगा। अन्य एक अधिसूचना के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने […]
नई दिल्ली: सरकार ने शराब उत्पादन के लिए गन्ने के रस से बने शीरा के निर्यात पर 50 प्रतिशत शुल्क लगा दिया है. यह 18 जनवरी से लागू हो जाएगा. वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी एक अधिसूचना के मुताबिक शीरा पर 50 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगेगा।
अन्य एक अधिसूचना के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने सोयाबीन, सूरजमुखी, कच्चे तथा परिष्कृत खाद्य तेलों पाम के आयात पर मौजूदा रियायती शुल्क दरों को एक साल के लिए (31 मार्च 2025 तक) बढ़ा दिया है. पिछले साल जून में सरकार ने सूरजमुखी तेल और रिफाइंड सोयाबीन तेल पर मूल आयात शुल्क 17.5 % से घटाकर 12.5 % कर दिया गया था. भारत मुख्य रूप से मलेशिया तथा इंडोनेशिया से पाम तेल और अर्जेंटीना से सोयाबीन तेल सहित अन्य कच्चे तेल का आयात करता है. सूरजमुखी का तेल रूस तथा यूक्रेन से आयात किया जाता है।
खबर के मुताबिक सरकार इथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य पूरा करने के लिए ऐसा कर रही है. इस साल पेट्रोल के साथ 15 परसेंट इथेनॉल ब्लेंडिंग के लक्ष्य को सरकार पूरा करना चाहती है. इसके लिए 690 लीटर इथेनॉल की जरूरत होगी. शीरा का निर्यात एक्सपोर्ट ड्यूटी लग जाने से घटेगा. शीरा का प्रयोग डिस्टलरीज में इथेनॉल बनाने के लिए किया जाएगा. बता दें कि भारत शीरा का एक्सपोर्ट कई देशों को करता है. इसमें फिलीपीन्स, नीदरलैंड्स, वियतनाम और साउथ कोरिया शामिल है. आपको यह भी बता दें कि महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं गुजरात तीन ऐसे राज्य हैं जो शीरा निर्यात करते हैं।
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