नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि वह हिट एंड रन मामलों में जान गंवाने वालों के परिजनों को और गंभीर रूप से घायलों को दिए जाने वाले मुआवजे की राशि को बढ़ाने पर राय-विचार करे। उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को इस फैसले पर विचार के लिए आठ हफ्तों […]
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि वह हिट एंड रन मामलों में जान गंवाने वालों के परिजनों को और गंभीर रूप से घायलों को दिए जाने वाले मुआवजे की राशि को बढ़ाने पर राय-विचार करे। उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को इस फैसले पर विचार के लिए आठ हफ्तों का वक्त दिया है और 22 अप्रैल को अगली सुनवाई पर जानकारी देने का निर्देश दिया है।
जस्टिए एएस ओका और जस्टिस पंकज मित्तल की पीठ ने अपने आदेश में बताया कि सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा हर साल हिट एंड रन के मामलों के आंकड़ों की जानकारी दी जाती है। इनसे पता चलता है कि साल दर साल हिट एंड रन के घटनाओं में तेजी आ रही है। पिछले साल सड़क परिवहन मंत्री ने लोकसभा में भी इसकी जानकारी दी थी।
मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के मुताबिक, अगर किसी व्यक्ति को कोई गाड़ी टक्कर मारकर फरार हो जाता है और इस हादसे में पीड़ित की मूत्यु हो जाती है तो उसे अधिकतम दो लाख रुपये का मुआवजा मिलता है। वहीं गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को भी हिट एंड रन के पीड़ितों के परिजनों को कानून के तहत मुआवजा योजना की जानकारी देने का आदेश दिया है। जस्टिए एएस ओका और जस्टिस पंकज मित्तल की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा हर साल हिट एंड रन के मामलों के आंकड़ों की जानकारी दी जाती है।
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