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Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति पर इस समय करें स्नान, पाएं अधिक फल

नई दिल्ली: हिंदू धर्म में एक वर्ष में कुल 12 संक्रांतियां पड़ती हैं, जिनमें से एक मकर संक्रांति होती है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य, धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं और इस दिन खरमास समाप्त होता है। इस साल मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी 2024 को मनाया जाएगा। मकर […]

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Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति पर इस समय करें स्नान, पाएं अधिक फल
  • January 12, 2024 6:04 pm Asia/KolkataIST, Updated 11 months ago

नई दिल्ली: हिंदू धर्म में एक वर्ष में कुल 12 संक्रांतियां पड़ती हैं, जिनमें से एक मकर संक्रांति होती है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य, धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं और इस दिन खरमास समाप्त होता है। इस साल मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी 2024 को मनाया जाएगा। मकर संक्रांति वाले दिन पर गंगा स्नान और दान का बहुत महत्व होता है। मकर संक्रांति पर शुभ मुहूर्त में स्नान करना चाहिए। वहीं मकर संक्रांति वाले दिन यानी की 15 जनवरी को सुबह 9:13 बजे सूर्य, धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में गोचर करने जा रहे हैं।

सूर्य करेंगे मकर राशि में प्रवेश

बता दें कि इस दिन रात 9 बजकर 14 मिनट से सूर्यास्त(Makar Sankranti 2024) तक लोग गंगा स्नान कर भगवान से अपनी मनोकामना के लिए पूजा कर सकते हैं और इसके अलावा सुबह 9 बजकर 20 मिनट से 10 बजकर 05 मिनट तक का समय शुभ रहेगा। शास्त्रों के अनुसार, इस मुहूर्त में पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य फल प्राप्त होता है। स्नान करने के पश्चात जरूरतमंदों को तिल, गुड़ और चावल का दान करें। इस दान से पितरों का आशीर्वाद मिलता है।

ब्रह्म मुहूर्त में करें स्नान

अगर आप सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठेंगे, तो आपको बल, सौंदर्य, ज्ञान और स्वास्थ्य की प्राप्ति होगी। ऐसा कहा जाता है कि ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने से सभी बीमारियां दूर होती हैं। ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना हिंदू धर्म में सबसे उपयुक्त माना जाता है। गौरतलब है कि ऋषि-मुनि भी इसी शुभ समय पर स्नान करते थे। सूर्योदय के बाद आप जितनी देर से स्नान करेंगे, आपको स्नान का लाभ उतना ही कम मिलता है।

मकर संक्रांति स्नान महत्व

मकर संक्रांति के शुभ पर्व पर स्नान करने के लिए तीर्थराज प्रयागराज(Makar Sankranti 2024) और काशी को बहुत ही शुभ माना गया है। सभी पवित्र नदियों और तीर्थ स्थानों में स्नान करना लाभकारी है। सूर्य देवता को जल चढ़ाकर श्रीहरि की पूजा या स्मरण करने से पुण्य फल प्राप्त होता है। तांबे या मिट्टी के बर्तन में भरकर रात भर छत पर रखे पानी से भी इस दिन स्नान किया जा सकता है। वहीं दिन के समय सूर्य की किरणों से गर्म हुए पानी से भी इस दिन नहाना उत्तम माना जाता है।

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