नई दिल्ली। हिंदू धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, गरुड़ पुराण (Garuda Puaran) सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ माना जाता है। इस ग्रंथ में व्यक्ति के जन्म से लेकर मृत्यु के बारे में विस्तार से बताया गया है। इसमें यह भी बताया गया है कि मृत्यु के बाद व्यक्ति को स्वर्ग या नरक में जाना पड़ता है। साथ ही […]
नई दिल्ली। हिंदू धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, गरुड़ पुराण (Garuda Puaran) सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ माना जाता है। इस ग्रंथ में व्यक्ति के जन्म से लेकर मृत्यु के बारे में विस्तार से बताया गया है। इसमें यह भी बताया गया है कि मृत्यु के बाद व्यक्ति को स्वर्ग या नरक में जाना पड़ता है। साथ ही गरुड़ पुराण में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि जिस व्यक्ति को मनुष्य योनि मिलती है, उसे मोक्ष प्राप्ति के लिए क्या करना चाहिए।
दरअसल, हिंदू धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक, गुरुड़ पुराण (Garuda Puaran) में लिखी बातें भगवान विष्णु द्वारा अपने वाहन गरुड़ को बताई गईं हैं। इसमें इस बात का वर्णन किया गया है कि किस तरह से मनुष्य अपने जीवन को बेहतर बना सकता है और कैसे उसे मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है। यही नहीं, गरुड़ पुराण में मनुष्य की पहचान करने के बारे में भी बताया गया है। जिससे यह जाना जा सकता है कि कौन व्यक्ति स्वर्ग लोक से आया है और कौन व्यक्ति नरक की यातनाएं झेल कर आया है।
ये भी पढ़ें- सपने में प्रभु श्री राम के दिखाई देने के ये हैं शुभ संकेत
गरुड़ पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति सात्विक आचरण रखते हैं, दूसरे प्राणियों से प्रेम करते हैं, दूसरों के प्रति दया की भावना रखते हैं, हमेशा सत्य के मार्ग पर चलते हैं, हर समय दूसरों के भले के बारे में सोचते हैं साथ ही गरुजनों की आज्ञा का पालन करते हैं, वेद शास्त्र पढ़ने जैसे कार्य करते हैं वो लोग स्वर्ग से आए हुए होते हैं। गरुड़ पुराण में ऐसे लोगों को महापुरुष के नाम से जाना जाता है।
वहीं गरुड़ पुराण में यह भी कहा गया है कि कहा गया है कि जो व्यक्ति दूसरों की निंदा करता हो, दूसरों को सताता हो, दूसरों के प्रति अपना व्यवहार कठोर रखते हो ऐसे लोग नरक से आए हुए होते हैं। यही नहीं, जो लोग लड़ाई-झगड़ा करते हैं, दूसरों के धन-संपत्ति छीनने के चक्कर में रहते हैं, मांस-मदिरा का सेवन करते हैं और दूसरों के साथ बुरा व्यवहार रखते हैं ऐसे लोग नरक की यातनाएं भुगतने के बाद मनुष्य रूप में जन्म लेते हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। जिसकी किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं की गई है। यहां दी गई किसी भी जानकारी या मान्यता पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)