नई दिल्ली: माघ मेले का खास महत्व हिंदू धर्म में होता है, यह पर्व सांस्कृतिक परंपरा का हिस्सा है. वैसे तो माघ मेले का आयोजन हरिद्वार, उज्जैन, नासिक, गया, वाराणसी, प्रयागराज जैसे विभिन्न हिन्दू तीर्थ स्थलों पर होता है, लेकिन प्रयागराज का माघ मेला अहम माना जाता है. यहां हर साल जनवरी-फरवरी महीने में पवित्र […]
नई दिल्ली: माघ मेले का खास महत्व हिंदू धर्म में होता है, यह पर्व सांस्कृतिक परंपरा का हिस्सा है. वैसे तो माघ मेले का आयोजन हरिद्वार, उज्जैन, नासिक, गया, वाराणसी, प्रयागराज जैसे विभिन्न हिन्दू तीर्थ स्थलों पर होता है, लेकिन प्रयागराज का माघ मेला अहम माना जाता है. यहां हर साल जनवरी-फरवरी महीने में पवित्र संगम के किनारे विश्व प्रसिद्ध माघ मेला आयोजित होता है।
इस मेले की शुरुआत हर साल मकर संक्रांति के साथ हो जाती है. इस बार 15 जनवरी से माघ मेला शुरू होगा. माघ मेले में स्नान करने के लिए देश विदेश से लोग यहां आते हैं. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक संगम तट पर स्नान करने से कष्टों से मुक्ति और हर तरह के पाप धुल जाते हैं. यह माघ मेला महाशिवरात्रि के दिन स्नान करने के साथ ही समाप्त होता है।
माघ मेला का पहला स्नान- 15 जनवरी को मकर संक्रांति पर
माघ मेला का दूसरा स्नान- 25 जनवरी को पौष पूर्णिमा, कल्पवास का आरंभ पर
माघ मेले का तीसरा स्नान- 9 फरवरी को मौनी अमावस्या पर
माघ मेले का चौथा स्नान- 14 फरवरी को बसंत पंचमी पर
माघ मेले का पांचवा स्नान- 24 फरवरी को माघ पूर्णिमा पर
माघ मेले का आखिरी स्नान- 8 मार्च को महाशिवरात्रि पर
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