नई दिल्लीः ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए या नहीं, इस पर बुधवार यानी 3 दिसंबर को जिला जज की अदालत से आदेश नहीं आया। मामले पर जिला जज ने सभी पक्षों को सुनकर गुरुवार को आदेश देने का फैसला किया है। एएसआई ने जिला जज की अदालत में आवेदन देकर कहा कि […]
नई दिल्लीः ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए या नहीं, इस पर बुधवार यानी 3 दिसंबर को जिला जज की अदालत से आदेश नहीं आया। मामले पर जिला जज ने सभी पक्षों को सुनकर गुरुवार को आदेश देने का फैसला किया है। एएसआई ने जिला जज की अदालत में आवेदन देकर कहा कि 4 सप्ताह तक सर्वें रिपोर्ट पब्लिक न की जाए। क्योंकि इलाहबाद उच्च न्यायालय ने वर्ष 1991 के लंबित वाद लार्ड विश्वेश्वर मामले में भी सर्वें रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। ऐसे में द्वितीय प्रति तैयार करने में वक्त लगेगा। इसलिए समय दिया जाए और रिपोर्ट सार्वजनिक न की जाए।
बता दें कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी एएसआई ने जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत को दो सील बंद लिफाफों में ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट की मांग हिंदू के साथ ही मुस्लिम पक्षकारों ने भी की है। हिंदू पक्ष ने रिपोर्ट की प्रति तत्काल दिए जाने का निवेदन किया था। मुस्लिम पक्षकारों ने पहले आपत्ति जताई थी, फिर ईमेल आईडी देकर रिपोर्ट मांगी है।
अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की जिला जज की अदालत में आपत्ति दाखिल की है। कमेटी ने आग्रह किया कि शपथ पत्र लेने के बाद ही सर्वे की रिपोर्ट दी जाए। यह तय किया जाए कि सर्वे की रिपोर्ट लीक नहीं होगी। साथ ही मीडिया कवरेज पर रोक लगाने की मांग भी की गई है।
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