नई दिल्ली: अक्सर आपने सुना होगा कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए पानी पीना काफी फायदेमंद है। कुछ लोग कहते हैं कि दिनभर में 7-8 गिलास पानी पीना चाहिए और कुछ लोगों का मानना है कि 2-3 लीटर पानी पीना चाहिए। देखा जाए तो पानी पीना सेहत के लिए फायदेमंद है, जहां बात हार्ट के मरीज […]
नई दिल्ली: अक्सर आपने सुना होगा कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए पानी पीना काफी फायदेमंद है। कुछ लोग कहते हैं कि दिनभर में 7-8 गिलास पानी पीना चाहिए और कुछ लोगों का मानना है कि 2-3 लीटर पानी पीना चाहिए। देखा जाए तो पानी पीना सेहत के लिए फायदेमंद है, जहां बात हार्ट के मरीज की आती है तो वहां पर पानी कम पीने का सुझाव दिया जाता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि हार्ट के मरीज को क्यों कम पानी पीना चाहिए?
विशेषज्ञों के अनुसार हार्ट के मरीज को कम पानी पीना चाहिए। इससे उनके हार्ट अटैक की आशंका कम हो जाती है। बता दें कि सिर्फ पानी ही नहीं कोई भी पेय पदार्थ (जूस, दूध) कम पीना चाहिए, ऐसा इसलिए क्योंकि हार्ट के मरीजों को ज्यादा पानी पीने से पानी जमा होने लगता है, जिससे पैर, जांघ, और कमर में सूजन होने लगती है। जिसके वजह से आपके दिल को अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है। इतना ही नहीं फेफड़ों में भी पानी जमा होने की आशंका बढ़ जाती है, जिससे मरीज को सांस लेने में परेशानी हो सकती है।
हार्ट के मरीजों को सर्दियों के दिनों में कम से कम ड़ेढ लीटर ही पानी पीना चाहिए। वहीं गर्मी के मौसम में कम से कम दो लीटर पानी पीना चाहिए। दिल के मरीजों को पानी को एक बार में नहीं बल्कि एक सीमित अंतराल में पीना चाहिए।
शरीर में अगर 6 महीनों से लगातार पानी की कमी बनी हुई है तो इससे क्रोनिक हाइपोटेंशन की समस्या हो सकती है। हाइपोटेंशन अर्थात ब्लड प्रेशर लो होना अगर शरीर में 2 से 5 प्रतिशत के बीच पानी की कमी है तो इसे माइल्ड डिहाइड्रेशन कहते हैं। वहीं अगर 5 प्रतिशत से ज्यादा पानी की कमी हुई है तो इसे क्रोनिक डिहाइड्रेशन कहा जाएगा।