नई दिल्ली। आजकल का समय डिजिटल युग में बदल गया है। जहां स्टूडेंट्स को कॉपी-पेन से लिखने का मौका कम ही मिलता है। आजकल ज्यादातर स्टूडेंट्स अपने नोट्स, असाइनमेंट और एग्जाम को इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से ही पूरा कर लेते हैं। हालांकि, पेपर पर लिखने के कई फायदे हैं जो कि स्टूडेंट्स को सीखने और उनके […]
नई दिल्ली। आजकल का समय डिजिटल युग में बदल गया है। जहां स्टूडेंट्स को कॉपी-पेन से लिखने का मौका कम ही मिलता है। आजकल ज्यादातर स्टूडेंट्स अपने नोट्स, असाइनमेंट और एग्जाम को इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से ही पूरा कर लेते हैं। हालांकि, पेपर पर लिखने के कई फायदे हैं जो कि स्टूडेंट्स को सीखने और उनके डिवेलमेंट के लिए आवश्यक है।
दरअसल, जब स्टूडेंट्स पेपर पर लिखते हैं, तो वे अपने विचारों को बेहतर और संक्षिप्त रूप से एक्सप्लेन कर पाते हैं। इससे न सिर्फ उन्हें सब्जेक्ट को अच्छे से समझने में मदद मिलती है बल्कि याद रखने में भी आसानी होती है। साथ ही लिखने के तरीके में सुधार लाने में मदद मिलती है। जिससे उन्हें शब्दों को चुनने, वाक्य बनाने और व्याकरण की गलतियों को ठीक करने में सहायता मिलती है।
देखा जाए तो पेपर पर लिखने से स्टूडेंट्स अपने विचारों को ज्यादा अच्छे से स्वतंत्र रुप से व्यक्त कर पाते हैं। इससे उनमें क्रिएटिविटी और प्रॉबलम सॉल्विंग की स्किल का भी डेवेलपमेंट होता है। इससे वो दूसरों से सही ढंग से संवाद करने की कला भी सीखते हैं। उन्हें अपने विचारों को स्पष्ट और संक्षिप्त रूप से व्यक्त करने में सहुलियत मिलती है।
पेपर पर लिखने से स्टूडेंट्स को अपने विचारों को व्यवस्थित करने और उन पर नियंत्रण रखने में सहायता मिलती है। अपने विचारों को ज्यादा प्रभावी ढंग से व्यक्त कर पाते हैं। यही नहीं इसमें स्टूडेंट्स को अपने तर्कों को अच्छे तरीके से पेश करने के लिए मजबूर किया जाता है। जिससे उन्हें अपने तर्कों को अधिक प्रभावी ढंग से पेश करने में मदद मिलती है।
पेपर पर लिखने से स्टूडेंट्स को अपने सब्जेक्ट के बारे में गहराई से रिसर्च करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। साथ ही वो अपने समय को ज्यादा कुशलता से व्यवस्थित कर पाते हैं। लिखने की कला से स्टूडेंट्स कई नौकरियों के लिए अधिक योग्य बनते हैं।