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JN.1 Case in Delhi: दिल्ली में मिला जेएन.1 का पहला केस, स्वास्थ्य मंत्री बोले घबराने की जरूरत नहीं

नई दिल्ली: दिल्ली में ओमीक्रॉन के सब-वेरिएंट जेएन.1 का पहला मामला (JN.1 Case in Delhi) सामने आया है. जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए 3 नमूनों में से एक जेएन.1 और दो ओमीक्रॉन के मामले पाए गए हैं. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने यह जानकारी दी है. इसके साथ ही सौरभ भारद्वाज ने […]

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JN.1 Case in Delhi: दिल्ली में मिला जेएन.1 का पहला केस, स्वास्थ्य मंत्री बोले घबराने की जरूरत नहीं
  • December 27, 2023 8:09 pm Asia/KolkataIST, Updated 12 months ago

नई दिल्ली: दिल्ली में ओमीक्रॉन के सब-वेरिएंट जेएन.1 का पहला मामला (JN.1 Case in Delhi) सामने आया है. जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए 3 नमूनों में से एक जेएन.1 और दो ओमीक्रॉन के मामले पाए गए हैं. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने यह जानकारी दी है. इसके साथ ही सौरभ भारद्वाज ने कहा कि JN.1 ओमिक्रॉन का एक उप-संस्करण है और यह एक हल्का संक्रमण है. यही दक्षिण भारत में फैल रहा है. घबराने की कोई जरूरत नहीं है. इससे हल्की-फुल्की बीमारी हो जाती है.

इन राज्यों में फैला कोरोना

दिल्ली में ओमीक्रॉन के सब-वेरिएंट जेएन.1 (JN.1 Case in Delhi) का पहला मामला सामने आया है. बता दें कि देश के कई अन्य राज्यों में इसके मामले सामने आ चुके हैं. बीते नवंबर महीने में केरल, कर्नाटक और गोवा में पहले चार मरीज सामने आए, लेकिन अब गोवा, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु तथा तेलंगाना के अलावा राजस्थान में भी मिले हैं। मंगलवार को राजस्थान के पांच मरीजों में जीनोम सीक्वेंसिंग से जेएन.1 सब वैरिएंट की पुष्टि हुई है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि देश में जेएन.1 सब वैरिएंट के कुल मामले बढ़कर 69 तक पहुंच गए हैं। गोवा में 34, कर्नाटक में आठ, केरल में छह, महाराष्ट्र में नौ, राजस्थान में पांच, तमिलनाडु में चार तथा तेलंगाना में दो मरीज हैं। वहीं एक्सपर्ट्स ने क्रिसमस और नए साल का जश्न पूरा होने के बाद दैनिक संक्रमित रोगियों में उछाल आने की संभावना जताई है।

जनवरी में बढ़ेगा ग्राफ

अधिकारी के अनुसार, कोरोना के पिछले पांच सप्ताह और 2020 से 2022 तक के ट्रेंड की समीक्षा के बाद ये देखा गया है कि जनवरी माह में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल ओमिक्रॉन वैरिएंट की वजह से दिसंबर और जनवरी के बीच दैनिक मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई, लेकिन फरवरी माह में ये ग्राफ नीचे गिरने लगा था।

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