नई दिल्ली: पंचांग के अनुसार अन्नपूर्णा जयंती(Annapurna Jayanti 2023) मार्गशीर्ष या अगहन मास की पूर्णिमा तिथि को होती है। अन्नपूर्णा जयंती हिंदू धर्म के विशेष पर्व-त्योहारों में एक है। ऐसा माना जाता है कि इसी तिथि पर मां पार्वती के रूप में देवी अन्नपूर्णा धरती पर प्रकट हुई थीं। बता दें कि इस साल अन्नपूर्णा […]
नई दिल्ली: पंचांग के अनुसार अन्नपूर्णा जयंती(Annapurna Jayanti 2023) मार्गशीर्ष या अगहन मास की पूर्णिमा तिथि को होती है। अन्नपूर्णा जयंती हिंदू धर्म के विशेष पर्व-त्योहारों में एक है। ऐसा माना जाता है कि इसी तिथि पर मां पार्वती के रूप में देवी अन्नपूर्णा धरती पर प्रकट हुई थीं। बता दें कि इस साल अन्नपूर्णा जयंती 26 दिसंबर 2023 को पड़ रह है।
ऐसी मान्यता भी है कि इस दिन रसोईघर को साफ-सुथरा कर देवी अन्नपूर्णा की पूजा की जाती है क्योंकि रसोईघर में देवी अन्नपूर्णा का वास होता है। ऐसा कहा जाता कि अन्नपूर्णा जयंती के दिन घर पर पूजा करने से धन की कमी नहीं रहती।
पंचांग के अनुसार अन्नपूर्णा जयंती(Annapurna Jayanti 2023) 26 दिसंबर 2023 की सुबह 5:46 बजे शुरू होगी और अगले दिन 27 दिसंबर 2023 को सुबह 6:02 बजे समाप्त होगी।
चर (सामान्य) – सुबह 09:46 से – दोपहर 01:39 तक
अन्नपूर्णा जयंती के दिन घर की साफ-सफाई करें और गंगा जल छिड़क कर पवित्र करें। इसके बाद खाना पकाने वाले चूल्हे की हल्दी, कुमकुम, चावल, फूल, धूप और जलते दीपक से पूजा करें। इसके बाद देवी पार्वती और भगवान शिव की पूजा करें।
हिंदू धर्म में देवी अन्नपूर्णा को संपूर्ण जगत का भरण-पोषण करने वाली देवी माना जाता है। इसलिए, लगभग हर घर की रसोई में देवी अन्नपूर्णा की तस्वीर या मूर्ति होती है। ऐसा माना जाता है कि एक बार पृथ्वी पर भोजन की कमी हो गई और प्राणी भोजन के लिए तरसने लगे थे। उस दौरान लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए देवी पार्वती ने अन्नपूर्णा के रूप में अवतार लिया। इस दिन रसोई में पूजा और अनुष्ठान करने की सलाह दी जाती है।