भावनाओं में मत बहो, अपने अवार्ड की कद्र करो- प्रणब मुखर्जी

‘असहिष्णुता' के मुद्दे पर अवार्ड लौटाने वालों को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नसीहत दी है. राष्ट्रपति ने कहा है कि जिनको अवार्ड मिले हैं वो भावनाओं में बहने के बजाय अपने अवार्ड की कद्र करना सीखें.

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भावनाओं में मत बहो, अपने अवार्ड की कद्र करो- प्रणब मुखर्जी

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  • November 16, 2015 12:02 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago

नई दिल्ली. ‘असहिष्णुता’  के मुद्दे पर अवार्ड लौटाने वालों को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नसीहत दी है. राष्ट्रपति ने कहा है कि जिनको अवार्ड मिले हैं वो भावनाओं में बहने के बजाय अपने अवार्ड की कद्र करना सीखें.

राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि देश में होने वाली घटनाओं पर बहस होनी चाहिए, अवॉर्ड वापसी नहीं. उन्होंने कहा कि मतभेद को दूर करने के लिए चर्चा करें. खुद को मिले अवॉर्ड का सम्मान करें और उसे संजोकर रखें.

राषट्रपति ने कहा कि  एक गौरवान्वित भारतीय के तौर पर,  हमे हमारे संविधान में उल्लिखित भारत के विचार, मूल्यों और सिद्धांतों में भरोसा होना चाहिए. जब भी ऐसी कोई जरुरत पड़ी है, भारत हमेशा खुद को सही करने में सक्षम रहा है.

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में समय समय पर विभिन्न चुनौतियां उभरती हैं और उनका समाधान सामूहिक रुप से किया जाना चाहिए. प्रणब मुखर्जी ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कानून की मूल भावना एक जीवंत सचाई बनी रहे.

 

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