नई दिल्लीः गुरुग्राम से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। एक 30 साल की महिला ने अपने पति के भाई और चचेरे भाई पर बच्ची के अपहरण और सामूहिक बलात्कार का झूठा आरोप लगाने के लिए अपनी 13 वर्षीय बेटी का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया। वहीं वरिष्ठ अधिकारियों की मानें तो […]
नई दिल्लीः गुरुग्राम से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। एक 30 साल की महिला ने अपने पति के भाई और चचेरे भाई पर बच्ची के अपहरण और सामूहिक बलात्कार का झूठा आरोप लगाने के लिए अपनी 13 वर्षीय बेटी का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया। वहीं वरिष्ठ अधिकारियों की मानें तो महिला के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है क्योंकि जांच अभी चल रही है। नाबालिग लड़की की गवाही के आधार पर कानून फैसला करेगा कि महिला के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की आवयशकता है या नहीं।
मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों की मानें तो यह मामला तब सामने आया जब 16 दिसंबर को एक महिला पुलिस स्टेशन शिकायत दर्ज कराने पहुंची। पुलिस ने मामले में संदिग्धों के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम की धारा 6 के अधीन और भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 323 के अधीन केस फाइल किया। जांच में पता चला कि घटना के वक्त वो लोग शहर में भी मौजूद नहीं थे। बता दें अधिकारी ने जानकारी दी की “मां ने आरोप लगाया कि कई घंटों तक ढूंढने के बाद उन्हें शाम करीब पांच बजे उनकी बेटी घायल हालत में कूड़े के ढेर में पड़ी मिली।”
पुलिस के अनुसार, महिला मूल रूप से उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ की रहने वाली है। तीन वर्ष पहले अपनी दो बेटियों और दो बेटों के साथ गुरुग्राम चली गई थी। उसके सभी बच्चे उसके पहले पति से थे, जिससे वह 2018 में तलाक के बाद अलग हो गई थी। जिसके बाद उसने 2021 में अपने वर्तमान पति से शादी की, जो हरियाणा के चरखी दादरी का निवासी है। अक्टूबर में महिला ने अपने पति के खिलाफ दायर किए गए पहले मामले में आरोप लगाया था कि लड़की के सौतेले पिता और उसके चचेरे भाई ने लड़की का अपहरण करने के बाद उसके साथ दुष्कर्म किया। वहीं, जांच में पता चला कि जब महिला ने घटना होने की बात कही तो पति उज्जैन में था। अधिकारियों ने बताया कि उसके ट्रक की जीपीएस लोकेशन और उसके फोन की टावर लोकेशन से पता चला कि वह शहर में मौजूद नहीं था।
पुलिस उपायुक्त ने मीडिया को जानकारी दी की पीड़िता के सौतेले पिता का भाई और चचेरा भाई की बुधवार को पूछताछ की गई थी। पूछताछ के दौरान कोई खिलाफ सबूत नहीं मिला कोई ठोस सबूत न मिलने के कारण उन्हें छोड़ दिया गया था। अगर यह साबित हो गया कि आरोप झूठे थे तो कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि वे कानून का दुरुपयोग करने के लिए दंडात्मक कार्रवाई के लिए मामले में महिला के खिलाफ जल्द ही अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
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