नई दिल्लीः लोकसभा में भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 को ध्वनिमत से पास करा लिया गया है। इससे पहले इस बिल पर हुई चर्चा के दौरान जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि तीनों आपराधिक कानूनों की जगह […]
नई दिल्लीः लोकसभा में भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 को ध्वनिमत से पास करा लिया गया है। इससे पहले इस बिल पर हुई चर्चा के दौरान जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि तीनों आपराधिक कानूनों की जगह लाए गए विधेयक गुलामी की मानसिकता को मिटाने वाले कानूनों से छूटकारा दिलाने की पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता हैं।
चर्चा के दौरान अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर मन इटली का है तो ये कानून समझ नहीं आएगा लेकिन अगर मन भारत का है तो समझ आ जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि पहले के कानून के तहत ब्रिटिश राज की मानसिकता दर्शाती थी। अब मानव सुरक्षा और देश सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है।
उन्होंने कहा कि मैंने तीनों विधेयकों को गहराई से पढ़ा है। इन्हें अमलीजामा पहनाने से पहले 158 परामर्श सत्रों में भाग लिया है। साथ हीं उन्होंने कहा कि सीआरपीसी में पहले 484 धाराएं थी, अब संख्या बढ़कर 531 हो गई हैं। नए कानून में 177 धाराओं में बदलाव किए गए हैं। साथ ही नौ धाराएं जोड़ी गई है। 39 उप धाराएं और 44 नए प्रावधान जोड़े गए हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हमने कहा था कि अयोध्या में हम जल्द से जल्द राम मंदिर बनाएंगे और 22 जनवरी 2024 को वहां रामलला विराजमान हो जाएंगे। ये पीएम मोदी की सरकार है, जो वादा करती है वो पूरा करती है। हमने कहा था कि हम संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देंगे। कांग्रेस की सरकार कई बार आई और तारीखें देती रहीं लेकिन हमने इसे पूरा किया और बहुमत के साथ महिलाओं को सशक्त बनाया।