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Ayodhya Ram Mandir: राम जन्मभूमि अयोध्या में होगी मंडल पूजा, जानें महत्व, नियम और अनुष्ठान

नई दिल्लीः अयोध्या में रामलला(Ayodhya Ram Mandir) का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो चुका है। इस दौरान मंदिर के उद्घाटन, रामलला के अभिषेक और प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारी जोरों पर है। जानकारी दे दें कि मंदिर में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी 2024 की तारीख तय की गई है। प्राण-प्रतिष्ठा में इतने लोग होंगे […]

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Ayodhya Ram Mandir: राम जन्मभूमि अयोध्या में होगी मंडल पूजा, जानें महत्व, नियम और अनुष्ठान
  • December 19, 2023 9:09 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्लीः अयोध्या में रामलला(Ayodhya Ram Mandir) का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो चुका है। इस दौरान मंदिर के उद्घाटन, रामलला के अभिषेक और प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारी जोरों पर है। जानकारी दे दें कि मंदिर में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी 2024 की तारीख तय की गई है।

प्राण-प्रतिष्ठा में इतने लोग होंगे शामिल

बता दें कि मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा सात हजार विशेष अतिथि और चार हजार संतों की मौजूदगी में पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि यानी की 22 जनवरी 2024 को होगी। इतने बड़े ऐतिहासिक मौके पर विश्व भर के 50 देशों और सभी राज्यों के लगभग 20 हजार लोग उपस्थित होंगे। वहीं प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए 20 दिसंबर से अक्षत वितरण अभियान शुरू हो जाएगा।

48 दिनों की मंडल पूजा

तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपत राय ने जानकारी दी कि अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होगी और उसके बाद 24 जनवरी से मंडल पूजा(Ayodhya Ram Mandir) का आयोजन किया जाएगा, यह 48 दिनों तक चलेगी। 23 जनवरी 2024 से सभी व्यक्ति भगवान के दर्शन कर सकेंगे।

बता दें कि उत्तर भारत में इस पूजा को कई लोग नहीं जानते। वहीं दक्षिण भारत में मंडल पूजा बहुत प्रचलित है। यह पूजा तीर्थ क्षेत्र के संन्यासी और पेजावर मठ पीठाधीश्वर जगद्गुरु माध्वाचार्य विश्व प्रसन्न तीर्थ के निर्देशन में 48 दिनों तक की जाएगी। मंडल पूजा में हर रोज विराजित रामलला का रजत कलशों के द्रव से अभिषेक होगा। इसके साथ ही विद्वान आचार्यों द्वारा चतुर्वेद और दिव्य ग्रंथों का पारायण भी किया जाएगा।

मंडल पूजा का अनुष्ठान

मंडल पूजा दक्षिण भारत में अधिक प्रचलित है। यह 41 दिनों से 48 दिनों की होती है। बता दें कि केरल में बना सबरीमाला अयप्पा मंदिर 41 दिनों की लंबी तपस्या के समापन का प्रतीक माना जाता है। जिस को ‘मंडल कालम’ कहा जाता है। वहीं इस पूजन के दौरान कई नियमों का पालन किया जाता है। मंडल पूजा में सबसे पहले भगवान गणेश का आह्वान किया जाता है।

ऐसा कहा जाता है कि मंडल पूजन की नियमित और विधिवत उपासना से श्रीहरि प्रसन्न होते हैं। भगवान राम भी श्रीहरि के अवतार हैं। इसी लिए अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर में मंडल पूजन कराने का निर्णय लिया गया है। मंडल पूजा में कठोर नियमों का पालन किया जाता है।

मंडल पूजा का नियम

  • इस पूजा में 48 दिनों तक ब्रह्मचर्य, शुद्धता, त्याग का पालन किया जाता है।
  • केरल में सबरीमला मंदिर में मंडल पूजा के दौरान 48 दिनों का व्रत रखा जाता है।
  • पंचमनोविकारों से मुक्त रहकर प्रभु का स्मरण किया जाता है।

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