भोपाल: मध्य प्रदेश से एक अजीबो-गरीब खबर आई है. यहां एक परिवार के घर डायनासोर (Dinosaur Eggs In MP) के अंडे मिले हैं. बताया जा रहा है कि ये परिवार कई पीढ़ियों से इन अंडों को अपना कुलदेवता मानकर पूजता आया है. एमपी का मंडलोई परिवार इन अंडों को अपना कुलदेवता बता रहा है. शोधकर्ताओं […]
भोपाल: मध्य प्रदेश से एक अजीबो-गरीब खबर आई है. यहां एक परिवार के घर डायनासोर (Dinosaur Eggs In MP) के अंडे मिले हैं. बताया जा रहा है कि ये परिवार कई पीढ़ियों से इन अंडों को अपना कुलदेवता मानकर पूजता आया है. एमपी का मंडलोई परिवार इन अंडों को अपना कुलदेवता बता रहा है. शोधकर्ताओं ने खुलासा किया है कि ये पत्थर कुछ और नहीं, बल्कि टाइटेनोसॉर के अंडे हैं.
मध्य प्रदेश का मंडलोई परिवार डायनासोर के अंडों (Dinosaur Eggs In MP) को अपना कुलदेवता मानकर कई पीढ़ियों से पूजता आया है. लखनऊ के साहनी इंस्टीट्यूट ऑफ पैलियोसाइंसेज के शोधकर्ताओं ने खुलासा किया कि ये पत्थर टाइटेनोसॉर के अंडे हैं. शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि ये अंडे करीब 70 मिलियन वर्ष पुराने हैं. बता दें कि इससे पहले हाल ही में एमपी के धार जिले में 250 से अधिक टाइटेनोसॉर अंडों की खोज हुई थी.
हाल ही में वैज्ञानिकों ने एमपी के धार जिले में डायनासोर के 256 जीवाश्म अंडों और घोंसलों का पता लगाया था. जानकारी के मुताबिक, खोजे गए ये जीवाश्म अंडे टाइटनोसॉर (Titanosaur) के थे. टाइटनोसॉर बड़े डायनासोरों में से एक हैं, जो शाकाहारी होते थे. शोधकर्ताओं को टाइटनोसॉर से संबंधित 256 जीवाश्म अंडों के कई घोंसलों का भी पता लगाया था. इन अंडों पर अध्ययन के बाद यह पता चला कि टाइटनोसॉर 66 मिलियन वर्ष से भी पहले इस नर्मदा घाटी क्षेत्र में घूमा करते थे.
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