नई दिल्लीः ज्ञानवापी परिसर में हुए सर्वे रिपोर्ट भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने सोमवार को जिला जज की अदालत में सीलबंद लिफाफे में पेश की। इससे पहले ही मुस्लिम पक्ष ने इसे लेकर अदालत में प्रार्थना पत्र दे दिया है। रिपोर्ट पेश करने से पहले मुस्लिम पक्ष ने पत्र देकर मांग की थी कि वारणसी […]
नई दिल्लीः ज्ञानवापी परिसर में हुए सर्वे रिपोर्ट भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने सोमवार को जिला जज की अदालत में सीलबंद लिफाफे में पेश की। इससे पहले ही मुस्लिम पक्ष ने इसे लेकर अदालत में प्रार्थना पत्र दे दिया है। रिपोर्ट पेश करने से पहले मुस्लिम पक्ष ने पत्र देकर मांग की थी कि वारणसी के ज्ञानवापी परिसर में हुए सर्वे रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में एएसआई पेश करे। बताया गया है कि हलफनामें में किसी को भी रिपोर्ट सार्वजनिक करने की इजाजत न दी जाए।
बता दें कि बीते 11 दिसंबर को एएसआई की ओर से कहा गया था कि सुपरिटेंडिंग आर्कियोलॉजिस्ट अविनाश मोहंती का अचानक तबीयत खराब होने की वजह से वह कोर्ट में पेश होकर रिपोर्ट दाखिल कर पाने में असमर्थ हैं। इसलिए रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का वक्त और दिया जाए। इस पर जिला जज की अदालत ने एक हफ्ते की मोहलत देते हुए रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 18 दिसंबर यानी सोमवार की तिथी तय की थी। वहीं इस पर अब 21 दिसंबर को फैसला आएगा।
एएसआई ने वाराणसी जिला न्यायाधीश के 21 जुलाई के आदेश के मुताबिक वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया था ताकि यह तय किया जा सके कि मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया था या नहीं। बता दें कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था। तब उच्चतम न्यायालय ने 4 अगस्त को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को वजुखाना क्षेत्र को छोड़कर ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण करने से आदेश को बरकरार रखा था।