नई दिल्लीः फर्जी जाति सर्टिफिकेट के आधार पर आदिवासियों की जमीन हड़पने का मामला आया है। साटिफिकेट दमोह जिले से जारी हुआ था। जिसके बाद ईओडब्ल्यू ने दो आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। ईओडब्ल्यू विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक ग्राम खिरवा निवासी विमला बाई तथा […]
नई दिल्लीः फर्जी जाति सर्टिफिकेट के आधार पर आदिवासियों की जमीन हड़पने का मामला आया है। साटिफिकेट दमोह जिले से जारी हुआ था। जिसके बाद ईओडब्ल्यू ने दो आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
ईओडब्ल्यू विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक ग्राम खिरवा निवासी विमला बाई तथा उसका बेटा नरेश जो गाम रोजगार सहायक के पद पर पदस्थ है। उन्होंने फर्जी जाति सर्टिफिकेट के आधार पर आदिवासियों की जमीन खरीदी है। शिकायत की जांच में पाया गया कि आदिवासी जमीन खरीदने के लिए कूटरचित जाति सर्टिफिकेट प्रयोग किया था।
दोनों के नाम पर सर्टिफिकेट अनुविभागीय अधिकारी तहसील दमोह से मार्च 2021 में जारी किया गया था। उन्हें गाम चौपराखुद जिला दमोह का निवासी बताया गया। सर्टिफिकेट में अनुविभागीय अधिकारी के रूप में राकेश कुशरे के हस्ताक्षर थे। जांच में पता चला कि सर्टिफिकेट जारी होने की तारीख को अनुविभागीय अधिकारी के रूप में राकेश कुशरे पदस्थ ही नहीं थे। वह इसके पहले अनुविभागीय अधिकारी के रूप में पदस्थ थे। फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर आरोपियों ने विभिन्न स्थानों में पांच जमीन खरीदी है। जिसका वास्तविक मूल्य करोड़ रुपये है। आरोपियों द्वारा उक्त जमीन को कौड़ियों के भाव में खरीदा गया है। दोनों आरोपियों सहित अन्य के खिलाफ मामले दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया गया है।