आर्टिकल-370 हटाने में कोई दुर्भावना नहीं, मोदी सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई मुहर

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाये जाने का फैसला बरकार रहेगा. देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की खंडपीठ ने सोमवार (11 दिसंबर) को यह फैसला सुनाया. इस दौरान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आर्टिकल 370 एक अस्थायी प्रावधान था. संविधान के अनुच्छेद 1 और 370 में स्पष्ट […]

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आर्टिकल-370 हटाने में कोई दुर्भावना नहीं, मोदी सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई मुहर

Vaibhav Mishra

  • December 11, 2023 12:38 pm Asia/KolkataIST, Updated 12 months ago

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाये जाने का फैसला बरकार रहेगा. देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की खंडपीठ ने सोमवार (11 दिसंबर) को यह फैसला सुनाया. इस दौरान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आर्टिकल 370 एक अस्थायी प्रावधान था. संविधान के अनुच्छेद 1 और 370 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है. भारत के संविधान के सभी प्रावधान जम्मू-कश्मीर पर भी लागू होंगे.

लद्दाख बनाने का फैसला भी वैध

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम आर्टिकल 370 को निरस्त करने के लिए राष्ट्रपति द्वारा जारी किए गए आदेश को संवैधानिक मानते हैं. इसके साथ ही कोर्ट लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के निर्णय की वैधता को भी बरकरार रखता है. आर्टिकल-370 पर फैसला सुनाए जाने के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में 30 सितंबर 2024 तक विधानसभा चुनाव कराने का आदेश भी दिया.

हर फैसले को चुनौती नहीं दे सकते

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि केंद्र सरकार की ओर से लिए गए हर फैसले को अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती है. ऐसा करने से अराजकता फैल सकती है. अगर केंद्र के फैसले से किसी भी तरह की मुश्किल खड़ी हो रही है, तब ही उसे चुनौती दिया जा सकता है. इस दौरान उच्चतम न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं की यह दलील भी खारिज कर दी कि राष्ट्रपति शासन के दौरान कोई भी ऐसा फैसला नहीं ले सकता, जिसमें बाद में बदलाव न किया जा सके.

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