चंडीगढ़: हरियाणा के गुरुग्राम स्थित चिंटेल्स पैराडिसो सोसायटी में असुरक्षित टावरों को नोएडा द्विन टावर की तरह ध्वस्त किया जाएगा. वहीं बेसमेंट में रखे फायर सेफ्टी उपकरण को ग्राउंड फ्लोट पर शिफ्ट किए जाएंगे. विभाग ने इसके लिए अनुमति दे दी है. हालांकि इन टावरों में अभी 15 परिवार रह रहे जो बिल्डर के ऑफर […]
चंडीगढ़: हरियाणा के गुरुग्राम स्थित चिंटेल्स पैराडिसो सोसायटी में असुरक्षित टावरों को नोएडा द्विन टावर की तरह ध्वस्त किया जाएगा. वहीं बेसमेंट में रखे फायर सेफ्टी उपकरण को ग्राउंड फ्लोट पर शिफ्ट किए जाएंगे. विभाग ने इसके लिए अनुमति दे दी है. हालांकि इन टावरों में अभी 15 परिवार रह रहे जो बिल्डर के ऑफर से नाखुश हैं. एडीसी हितेश कुमार मीणा ने पिछले महीने सोसाइटी का दौड़ा कर असुरक्षित टावरों की बैरिकेडिंग करने को कहा था. बिल्डर की ओर से कहा गया था कि असुरक्षित टावरों के बेसमेंट में फायर सर्विसेज के उपकरण रखे हुए हैं जिसे शिफ्ट किया जाना है. इसके लिए फायर विभाग से बिल्डर ने अनुमति मांगी थी जो विभाग से दे दी गई है।
बेसमेंट में रखे उपकरणों को शिफ्ट किया जाएगा और प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद असुरक्षित टावरों की बैरिकेडिंग की प्रक्रिया शुरू होगी. वहीं प्रशासन से टावरों को तोड़ने के लिए मंजूरी भी मांगी गई है. आपको बता दें कि डी टावर में 10 फरवरी 2022 को हुए हादसे में दो महिलाओं की मौत हो गई थी और इस हादसे की जांच के लिए जिला प्रशासन ने कमेटी गठित कर दी थी।
इसका रिपोर्ट कमेटी ने नवंबर 2022 में सौंप दी थी जिसमें 5 टावरों को अनसेफ घोषित कर दिया गया था. वहीं 4 टावरों को आईआईटी टीम ने रहने योग्य घोषित किया था. असुरक्षित घोषित एच टावर में करीब 15 परिवार रह रहे बिल्डर के सेटलमेंट ऑफर से खुश नहीं हैं और इसी वजह से वह घर खाली करने से इनकार कर रहे हैं।
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