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Nobel Prize: नरगिस मोहम्मदी के बच्चों ने मां की तरफ से लिया नोबेल पुरस्कार, पढ़ा मां का संदेश

नई दिल्लीः नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में ईरान के खिलाफ संदेश दिया गया। ईरानी मानवाधिकार कार्यकर्ता की ओर से ओस्लो में ईरान की अत्याचारी और तानाशाही धार्मिक सरकार के खिलाफ निशाना साधा गया। बता दें, रविवार को ईरानी जेल में बंद नरगिस मोहम्मदी के बच्चों ने अपनी मां की तरफ से नोबेल शांति पुरस्कार ग्रहण […]

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Nobel Prize: नरगिस मोहम्मदी के बच्चों ने मां की तरफ से लिया नोबेल पुरस्कार, पढ़ा मां का संदेश
  • December 11, 2023 8:53 am Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्लीः नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में ईरान के खिलाफ संदेश दिया गया। ईरानी मानवाधिकार कार्यकर्ता की ओर से ओस्लो में ईरान की अत्याचारी और तानाशाही धार्मिक सरकार के खिलाफ निशाना साधा गया। बता दें, रविवार को ईरानी जेल में बंद नरगिस मोहम्मदी के बच्चों ने अपनी मां की तरफ से नोबेल शांति पुरस्कार ग्रहण किया। इसके बाद उनके बच्चों ने अपनी मां का संदेश पढ़ा।

तालियों से किया गया स्वागत

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मोहम्मदी (51) ईरान की एविन जेल में कैद हैं। इस वजह से उनके जुड़वा बच्चों कियाना रहमानी (17) और अली रहमानी (17) ने अपनी मां की ओर से पदक ग्रहण किया और जेल में बंद मां द्वारा ही तैयार किया गया भाषण को पढ़ा। बहीं, जब दोनों बच्चे पदक स्वीकार करने मंच की ओर बढ़ रहे थे, तब वहां मौजूद सभी लोग खड़े हो गए और तालियां बजाकर उनका स्वागत किया। पदक स्वीकार करने के बाद उन्होंने मां का संदेश पढ़ा।

संदेश में क्या लिखा ?

मैं यह संदेश जेल की ऊंची और ठंडी दीवारों के पीछे से लिख रही हूं। मैंने दुनिया में शांति और मानवाधिकारों के वैश्वीकरण की अपील की लेकिन ईरान की सरकार मेरे ही खिलाफ कार्य कर रही हैं। मोहम्मदी ने चेतावनी दी कि सत्तावादियों की वजह से मानवाधिकार उल्लंघन के व्यापक परिणाम होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार के कारण देश में प्रवासन, अशांति और आंतकवाद का खतरा बढ़ेगा। उन्होंने अपने देश की सरकार को निरंकुश धार्मिक सरकार के साथ-साथ स्वतंत्रता, समानता और लोकतंत्र की आत्मा को कुचलने वाला बताया। अत्याचार जीवन को मृत्यु में, आशीर्वाद को विलाप में और आराम को पीड़ा में बदल देता है। उन्होंने कहा कि जीत आसान नहीं है लेकिन एक दिन जरूर जीत मिलेगी।

मोहम्मदी हैं ईरान की शक्तिशाली आवाज

खबरों की मानें तो ईरानी जेल में बंद होने के बाद भी मोहम्मदी एक शक्तिशाली और मजबूत आवाज है। उन्हें ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई, स्वतंत्रता और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए अक्टूबर में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। पिछले साल ईरान में ठीक से हिजाब न पहनने की वजह से काफी विवाद हुआ था और यह विवाद इतना बढ़ गया कि सैकड़ों लोेगों की प्रदर्शन के दौरान मौत हो गई।

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