नई दिल्लीः गंभीर मरीजों के उपचार के लिए सफदरजंग अस्पताल में गहन देखभाल चिकित्सा सुविधा को अपग्रेड करेगा। इसके लिए अस्पताल से जुड़े वर्धमान मेडिकल कॉलेज में क्रिटिकल केयर मेडिसिन में डॉक्टरेट ऑफ मेडिसिन (डीएम) का पाठ्यक्रम अगले साल से शुरू हो जाएगा है। कोर्स को शुरू करने की तैयारी शुरू हो गई है। डीएम […]
नई दिल्लीः गंभीर मरीजों के उपचार के लिए सफदरजंग अस्पताल में गहन देखभाल चिकित्सा सुविधा को अपग्रेड करेगा। इसके लिए अस्पताल से जुड़े वर्धमान मेडिकल कॉलेज में क्रिटिकल केयर मेडिसिन में डॉक्टरेट ऑफ मेडिसिन (डीएम) का पाठ्यक्रम अगले साल से शुरू हो जाएगा है। कोर्स को शुरू करने की तैयारी शुरू हो गई है। डीएम के शुरू होने के बाद मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों को गहन देखभाल चिकित्सा की विशेष ट्रेनिंग मिलेगी। इसमें आईसीयू में भर्ती गंभीर व अति गंभीर मरीजों के इलाज के तरीकों को सिखाया जाएगा। साथ ही बताया जाएगा कि आईसीयू में भर्ती मरीजों में किस तरह की परेशानी होती है और उन्हें कैसे दूर किया जा सकता है।
विशेषज्ञों ने बताया है कि कोरोना महामारी के बाद आईसीयू में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में बहुत इजाफा हुआ है। इसमें ऐसे मरीज भी हैं जो कई रोगों से पीड़ित हैं और कोरोना ने उन रोगों को गंभीर कर दिया। इन मरीजों की अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता उन गंभीर स्थिति से लड़ने के लिए सक्षम नहीं होती और मेडिकल उपकरण की मदद से अतिरिक्त इलाज देना पड़ता है। अस्पताल के सूत्रों का कहना है कि सफदरजंग में गहन देखभाल चिकित्सा विभाग को अपग्रेड करने की जरूरत है।
मरीज को बचाने के लिए गहन चिकित्सा विभाग हर संभव इलाज उपलब्ध करवाता है। यह अस्पताल का एक ऐसा विभाग है जिसमें न केवल मरीजों का इलाज होता है बल्कि इनकी देखरेख पर भी बहुत दिहान दिया जाता है। डॉक्टरों का कहना है कि मरीज की स्थिति खराब होने के बाद उन्हें आईसीयू पर भर्ती करना पड़ता है। आईसीयू की मदद से शरीर की क्रियाओं को सामान्य बनाने रखने के लिए कृत्रिम सहारा दिया जाता है।
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