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ISRO: आदित्य एल-1 के इस पेलोड ने शुरू किया काम, जानें क्या पता चलेगा

नई दिल्लीः सूर्य की अहम जानकारियों को पता लगाने के लिए भारत की तरफ से भेजे गए आदित्य-एल1 ने अपना काम करना शुरू कर दिया है। अब उपग्रह में लगे पेलोड- आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट का काम शुरू हो गया है। इसरो ने बताया कि यह पेलोड सामान्य रूप से काम कर रहा है। […]

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ISRO: आदित्य एल-1 के इस पेलोड का काम शुरू, जुटाएगा सूर्य की अहम जानकारी, जानें क्या पता चलेगा
  • December 2, 2023 2:35 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्लीः सूर्य की अहम जानकारियों को पता लगाने के लिए भारत की तरफ से भेजे गए आदित्य-एल1 ने अपना काम करना शुरू कर दिया है। अब उपग्रह में लगे पेलोड- आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट का काम शुरू हो गया है। इसरो ने बताया कि यह पेलोड सामान्य रूप से काम कर रहा है।

एक्सपेरिमेंट में ये उपकरण हैं शामिल

आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (एएसपीईएक्स) में दो अत्याधुनिक उपकरण सोलर विंड आयन स्पेक्ट्रोमीटर (SWIS) और सुप्राथर्मल एंड एनर्जेटिक पार्टिकल स्पेक्ट्रोमीटर शामिल हैं। STEPS उपकरण 10 सितंबर, 2023 को शुरू हुआ था। वहीं, SWIS उपकरण एक महीने पहले यानी दो नवंबर को शुरू हुआ और इसका अच्छा प्रदर्शन सामने आया है। इसरो के अनुसार, उपकरण ने सौर पवन आयन, मुख्य रूप से प्रोटॉन और अल्फा कणों को सफल तरीके से मापा है। इसरो ने कहा है कि इसके जरिए उसे सौर हवाओं के बारे में काफी जानकारी मिली है। इससे वैज्ञानिकों को सौर हवाएं चलने की वजह और पृथ्वी पर पड़ने वाले उनके असर के बारे में पता चलेगा। इससे अंतरिक्ष के मौसम को लेकर भी काफी जानकारी का अनुमान मिलेगा।

कब हुई थी लॉन्चिंग ?

बता दें इसरो ने दो सितंबर को भारत के पहले सौर मिशन आदित्य-एल1 की लॉन्चिंग की थी। इसरो ने पीएसएलवी सी57 लॉन्च व्हीकल से आदित्य एल1 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। लॉन्चिंग आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से हुई थी। यह मिशन भी चंद्रयान-3 की तरह पहले पृथ्वी की परिक्रमा करेगा और फिर यह तेजी से सूरज की दिशा में अपनी उड़ान तय करेगा।

तारों के अध्ययन में करेगा सहायता

इसरो के अनुसार, सूर्य हमारे सबसे करीब मौजूद तारा है। यह तारों के अध्ययन में हमारी सबसे ज्यादा मदद कर सकता है। इससे मिली जानकारियां दूसरे तारों, हमारी आकाश गंगा और खगोल विज्ञान के कई रहस्य और नियम समझने में सहायता करेंगी। हमारी पृथ्वी से सूर्य करीब 15 करोड़ किमी की दूरी पर है। आदित्य एल1 वैसे तो इस दूरी का महज एक प्रतिशत ही तय कर रहा है, लेकिन इतनी सी दूरी तय करके भी यह सूर्य के बारे में हमें ऐसी कई जानकारियां देगा, जो पृथ्वी से जानना बहुत मुश्किल कार्य है

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