Former Indian Navy Personnel: 8 पूर्व नौसैनिकों को मिली मौत की सजा, जानें क्या बोले चीफ एडमिरल आर हरि कुमार

नई दिल्लीः नौसेना के चीफ एडमिरल आर हरि कुमार ने (1 दिसंबर) शुक्रवार को कहा कि कतर में मौत की सजा पाने वाले आठ पूर्व नौसैनिकों(Former Indian Navy Personnel) को वापस लाने की पूरी कोशिश जारी है और भारत सरकार इसको लेकर हर संभव प्रयास कर रही है। एडमिरल कुमार ने क्या कहा? एडमिरल कुमार […]

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Former Indian Navy Personnel: 8 पूर्व नौसैनिकों को मिली मौत की सजा, जानें क्या बोले चीफ एडमिरल आर हरि कुमार

Shiwani Mishra

  • December 1, 2023 6:59 pm Asia/KolkataIST, Updated 12 months ago

नई दिल्लीः नौसेना के चीफ एडमिरल आर हरि कुमार ने (1 दिसंबर) शुक्रवार को कहा कि कतर में मौत की सजा पाने वाले आठ पूर्व नौसैनिकों(Former Indian Navy Personnel) को वापस लाने की पूरी कोशिश जारी है और भारत सरकार इसको लेकर हर संभव प्रयास कर रही है।

एडमिरल कुमार ने क्या कहा?

एडमिरल कुमार ने कहा कि हम उनके हित सुनिश्चित करने के लिए निकटता से काम कर रहे हैं। फिलहाल भारत सरकार उनकी वापसी सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। बता दें कि कतर की एक कोर्ट ने आठ पूर्व सैनिकों को मौत की सजा सुनाई है।

विदेश मंत्रालय ने क्या कहा-

इस पूरे मामले में हाल ही में भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि मामले को उच्च महत्व देते हुए सभी कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं। हम आठों सैनिकों को वापस देश में लाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। फिलहाल कतर के अधिकारियों की ओर से भारतीयों के खिलाफ लगाए गए आरोपों को सार्वजनिक नहीं किया गया है।

26 नवंबर को सुनाई थी मौत की सजा

गौरतलब है कि भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों(Former Indian Navy Personnel) को कतर की एक कोर्ट ने 26 नवंबर को मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने कहा था कि वह इस फैसले से बेहद स्तब्ध है और इस मामले में सभी कानूनी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।

सजा के खिलाफ की अपील

बता दें कि मौत की सजा के खिलाफ अपील दायर की जा चुकी है और कतर की एक उच्च अदालत ने इसे स्वीकार कर लिया है। यह अपील जेल में बंद इन भारतीय नागरिकों की कानूनी टीम ने दायर की है। ये सभी आठ भारतीय नागरिक अल दाहरा कंपनी में काम कर रहे थे और इन्हें पिछले साल जासूसी के कथित मामले में हिरासत में ले लिया गया था।

भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों के खिलाफ आरोप 25 मार्च को दायर किए गए और उन पर कतर के कानून के तहत मुकदमा चलाया गया। पूर्व सैन्य अधिकारियों ने जानकारी दी थी कि सभी अधिकारियों का भारतीय नौसेना में 20 साल तक बीना किसी दाग का कार्यकाल रहा है।

 

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