नई दिल्लीः भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव समापन के बाद भी चर्चा में बना हुआ है। बता दें अनुभवी डॉक्यूमेंट्री फिल्मकार अरविंद सिन्हा ने हाल ही में करण जौहर का जिक्र करते हुए महोत्सव में बॉलीवुड की उपस्थिति पर सवाल उठाया था। रिपोर्ट के मुताबिक अरविंद सिन्हा ने कहा कि बॉलीवुड इन जगहों में प्रवेश कर […]
नई दिल्लीः भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव समापन के बाद भी चर्चा में बना हुआ है। बता दें अनुभवी डॉक्यूमेंट्री फिल्मकार अरविंद सिन्हा ने हाल ही में करण जौहर का जिक्र करते हुए महोत्सव में बॉलीवुड की उपस्थिति पर सवाल उठाया था। रिपोर्ट के मुताबिक अरविंद सिन्हा ने कहा कि बॉलीवुड इन जगहों में प्रवेश कर रहा है। उन्हें सरकार से समर्थन की आवश्यकता नहीं है। वे यहां क्या कर रहे हैं?
अरविंद ने कहा, “जिसे प्रोत्साहन दिया जाना है वह अच्छा सिनेमा है। बॉलीवुड के पास अपना पैसा, वित्त, ताकत सब है। इन सभी चीजों के उपलब्धि से, वे इन क्षेत्रों में प्रवेश कर रहे हैं… जो लोग फ़ैसला ले रहे हैं उन्हें साफ़ होना चाहिए कि सार्वजनिक करदाताओं का पैसा करण जौहर जैसे फिल्मकारों पर खर्च नहीं होना चाहिए… उन्हें (आईएफएफआई आयोजकों को) डॉक्यूमेंट्री फिल्ममेकर, फीचर फिल्मकारों का समर्थन करना होगा जिन्हें समर्थन की जरूरत है। वे यहां क्या कर रहे हैं. फिल्म महोत्सव उनके लिए नहीं है। फिल्म महोत्सव अच्छे सिनेमा के लिए होना चाहिए। करण जौहर गोवा में 54वें आईएफएफआई में मौजूद थे, जहां उन्होंने सारा अली खान संग अपनी अप्कमिंग फिल्म ऐ वतन मेरे वतन के मोशन पोस्टर का अनावरण किया था।
अरविंद सिन्हा की टिप्पणी के बाद इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन डायरेक्टर्स एसोसिएशन की प्रतिक्रिया सामने आई है। आईएफटीडीए के आधिकारिक बयान में कहा गया है, ”गोवा में आईएफएफआई समारोह के उद्घाटन के दूसरे दिन अध्यक्ष भारतीय पैनोरमा गैर फीचर फिल्म जूरी प्रमुख अरविंद सिन्हा का भाषण अरुचिकर, घृणित करने वाला है, जिसने फिल्म बिरादरी के सदस्यों के लिए नफरत फैलाने का काम किया है।”बयान में आगे बोला गया है, “भारतीय फिल्म और टेलीविजन डायरेक्टर्स एसोसिएशन अरविंद सिन्हा के गैर-जिम्मेदाराना बयान की कड़ी निंदा करता है, जिसमें फिल्म इंडस्ट्री के प्रतिष्ठित निर्माताओं, निर्देशकों और फिल्म कलाकारों के लिए ‘बॉलीवुड तमाशा’ और ‘नौटंकी’ शब्दों का इस्तेमाल किया गया है।