नई दिल्लीः राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने बुधवार यानी 15 अक्टूबर को आरोप लगाया कि कथित लाल डायरी का षडयंत्र भाजपा के नेताओं ने राजस्थान के एक तत्कालीन मंत्री के साथ मिलकर रचा था। उन्होने कहा कि मुझे इसकी चिंता नहीं है, बल्कि उनका उद्देश्य राज्य में कांग्रेस की सरकार दोबारा सत्ता में लाना […]
नई दिल्लीः राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने बुधवार यानी 15 अक्टूबर को आरोप लगाया कि कथित लाल डायरी का षडयंत्र भाजपा के नेताओं ने राजस्थान के एक तत्कालीन मंत्री के साथ मिलकर रचा था। उन्होने कहा कि मुझे इसकी चिंता नहीं है, बल्कि उनका उद्देश्य राज्य में कांग्रेस की सरकार दोबारा सत्ता में लाना है। अशोक गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए गए राजेंद्र गुढ़ा आरोप लगाते हैं कि इस लाल डायरी में गहलोत व अन्य नेताओं के अवैध लेनदेन का ब्यौरा दर्ज है। वहीं लाल डायरी के कुछ पन्नों की कथित फोटो हाल ही में सोशल मीडिया पर आई थी।
लाल डायरी के बारे में पूछे जाने पर गहलोत ने एक बार फिर केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने पार्टी के ‘वार रूम’ में पत्रकारों से कहा, वैसे तो पता नहीं कि लाल डायरी और काली डायरी कौन सी है, पर मुझे ऐसा लगता है कि यह सब केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के अंदर रचा गया षड्यंत्र है। केंद्र सरकार डायरी को लाल डायरी नाम दिया गया है। उन्होंने कहा कहा कि प्रधानमंत्री चार दिन बाद सीकर आने वाले थे। उससे पहल मेरे मंत्री के साथ दुरुपयोग किया गया। उससे बात करके, यह सब भाजपा के नेताओं ने किया, मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के साथ में।
मुख्यमंत्री गहलोत ने यह भी कहा कि अगर लाल डायरी की बात करें, या कहें कि पन्ने आ रहे हैं जा रहे हैं, तो हम लोगों को उसकी चिंता नहीं है। हमारा एक ही लक्ष्य है कि कांग्रेस की सरकार दोबारा बने। हमने अच्छा काम किया है, अच्छा प्रशासन दिया है जिससे हमें यकीन है कि आम जनता हमारे कामों पर मुहर लगाएगी। गहलोत ने मणिपुर के हालात को लेकर भी केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोला। गहलोत ने कहा कि देश का एक राज्य जल रहा है लेकिन इसकी गंभीरता प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह समझ नहीं पा रहे हैं। प्रधानमंत्री एक बार भी वहां नहीं गए, वहां के लिए एक शब्द तक नहीं बोलें। जो टिप्पणी उन्होंने की वह यह थी कि मणिपुर, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को चाहिए कि शांति बनाए रखें। सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि मणिपुर की घटना को तवज्जो न देने के लिए ऐसा किया गया।