नई दिल्ली: रविवार को सुबह 7 बजे दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के 9 हजार डॉक्टरों ने सड़क पर उतर कर राजघाट तक शांति मार्च(Doctors protest) निकाला। डॉक्टरों ने ये शांति मार्च हॉस्पिटल में उनके साथ हो रही हिंसा के विरोध में निकाला है। ये डॉक्टर्स सरकार से उनकी आत्मसम्मान की सुरक्षा की मांग कर रहे। दिल्ली […]
नई दिल्ली: रविवार को सुबह 7 बजे दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के 9 हजार डॉक्टरों ने सड़क पर उतर कर राजघाट तक शांति मार्च(Doctors protest) निकाला। डॉक्टरों ने ये शांति मार्च हॉस्पिटल में उनके साथ हो रही हिंसा के विरोध में निकाला है। ये डॉक्टर्स सरकार से उनकी आत्मसम्मान की सुरक्षा की मांग कर रहे।
डॉक्टर्स ने यह शांति मार्च मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज से राजघाट तक के लिए निकाला था। हालांकि, उनकी इस यात्रा को राजघाट तक पहुंचने से पहले ही दिल्ली पुलिस ने रोक दिया। इसके बावजूद भी राजघाट चौराहे के पास डॉक्टर्स ने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन को समाप्त किया।
प्रदर्शन में आए डॉक्टरों ने बताया कि कई बार ऐसी घटना देखने को मिलती है जहां मरीज की इलाज के दौरान मौत हो जाने पर मरीज के परिवारवाले डॉक्टर पर इसका दोष लगाकर उनकी पिटाई करने लगते हैं। इसी वजह से डॉक्टर्स गंभीर मरीजों का इलाज करने से कतराते हैं। इससे डॉक्टर्स की आत्मसम्मान आहत होती है।
अक्सर अस्पतालों में डॉक्टरों के साथ हिंसा की घटनाएं होती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि पुलिस भी इस पर कोई खास एक्शन नहीं लेती। डॉक्टर जब वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मिल कर अपनी समस्या बताने जाते हैं तो उन्हें एक अपॉइंटमेंट के लिए घंटों तक बिठाए रखा जाता है। इसके बाद भी वरिष्ठ अधिकारी उनसे नहीं मिलते।
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इस शांति प्रदर्शन(Doctors protest) में शामिल हुई आईएमए पूर्वी दिल्ली शाखा की वित्तीय सचिव और DMA की सदस्या डॉ ममता ठाकुर ने कहा कि आज इस शांति प्रदर्शन के बाद भी सरकार ने डॉक्टरों से बात करने की कोई पहल नहीं की है। उन्होंने कहा कि सरकार डॉक्टर्स की मांगों पर विचार करे और तुरंत उनकी समस्याओं का समाधान करे।
इस मार्च में शामिल हुए डॉक्टरों ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानी तो वो भी राजनीतिक दलों और विभिन्न संगठनों की तरह रैली करते हुए संसद भवन तक मार्च करेंगे।