12th Fail Review: विक्रांत मैसी का 12th फेल आईपीएस बनने का सफर, अभिनय देख आखें हुई नम

नई दिल्लीः विक्रांत मैसी हर बार अपनी एक्टिंग से फैंस को सोचने पर मजबूर कर ही देते हैं.विक्रांत मैसी की फिल्म 12th फेल 27 अक्टूबर को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है। फिल्म की कहानी आधारित ये कहानी है चंबल में रहने वाले मनोज की जो बेहद गरीब परिवार से संबंधित है, पिता की […]

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12th Fail Review: विक्रांत मैसी का 12th फेल आईपीएस बनने का सफर, अभिनय देख आखें हुई नम

Shiwani Mishra

  • October 24, 2023 1:50 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्लीः विक्रांत मैसी हर बार अपनी एक्टिंग से फैंस को सोचने पर मजबूर कर ही देते हैं.विक्रांत मैसी की फिल्म 12th फेल 27 अक्टूबर को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है।

12th Fail Review Vikrant Massey Medha Shankar Vidhu Vinod Chopra Movie  Review In Marathi Bollywood Entertainment | 12th Fail Review : '12th फेल'  कसा आहे? वाचा रिव्ह्यू...

फिल्म की कहानी आधारित

ये कहानी है चंबल में रहने वाले मनोज की जो बेहद गरीब परिवार से संबंधित है, पिता की नौकरी चली जाती है क्योंकि पिता ईमानदार हैं. घर में खाने तक के लाले पड़ जाते हैं. मनोज 12वीं में फेल हो जाता है क्योंकि उस साल स्कूल में एक ईमानदार पुलिस अफसर के कारण चीटिंग नहीं हो पाती है मनोज भी अब उस अफसर जैसा बनना चाहता है और वो अफसर उससे कहता है कि तुम्हें मेरे जैसा बनना है तो चीटिंग बंद करनी पड़ेगी और खुद मेहनत कर सफल होना पड़ेगा तो मनोज चीटिंग बंद कर देता है और फिर शुरू होता है उसका असली सफर लेकिन उसे तो पता ही नहीं कि आईएएस होता क्या है. इस सफर में वो पहले ग्वालियर जाता है फिर दिल्ली के मुखर्जी नगर आता है जहा वह अपनी नई ज़िन्दगी की शुरआत करता है . क्या मनोज आईपीएस बन पाता है? और बनता है तो कैसे बनता है ? ये सवालो के जवाब जानने के लिए आपको फिल्म देखने सिनेमाघर जाना होगा और अगर किसी का सपना आईएएस या आईपीएस बनने का है तो उसे देखना तो बनता है।

कैसी है फिल्म

ये फिल्म देखने के बाद लगा कि अगर ये कुछ साल पहले आ गई होती तो हम भी आईएएस की तैयारी कर लेते. ये फिल्म आपको रुलाती है, मोटीवेट करती है और मनोज के साथ एक ऐसे सफर पर ले जाती है जो बहुत शानदार है. पहले फ्रेम से ये फिल्म आपको बांध लेती है फिर जब मनोज की जिंदगी में एक लड़की आती है तो आपको लगता है कि इसकी क्या असल में जरूरत थी लेकिन बाद में लगता है कि हां इसकी जरूरत थी. ये फिल्म बहुत सिंपल तरीके से शूट की गई है, ना कोई ग्रैंड सेट, ना कोई धूम वाला म्यूजिक लेकिन फिर भी ये आपको अंदर तो छूती है और यही इस फिल्म की खासियत है.

डायेरक्शन

विधु विनोद चोपड़ा ने फिल्म को डायरेक्ट किया है और फिल्म पर उनकी पकड़ जबरदस्त देखने को मिली है. कहां किसको कितना इस्तेमाल करना है, कहां किससे कितना काम करवाना है. उन्होंने इसका बहुत अच्छे तरीके से ध्यान रखा है. फिल्म में लव एंगल क्यों डाला गया, फर्स्ट हाफ में ये हल्का सा समझ नहीं आता है लेकिन सेकेंड हाफ में डायरेक्टर साहब ये भी क्लीयर कर बता ही देते हैं. ये विधु विनोद चोपड़ा की भी सबसे बेहतरीन फिल्मों में शामिल हो जाएगी.

 

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