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Bihar: बिहार के सरकारी स्कूलों में 20 लाख बच्चों का नाम काटा गया, जानिए क्यों ?

नई दिल्लीः बिहार के सरकारी स्कूलों में बच्चों के नाम काटने का सिलसिला लगातार जारी है। राज्य के सरकारी स्कूलों में पिछले कुछ समय में 20 लाख से ज्यादा छात्र- छात्राओं का नामांकन रद्द किया जा चुका है। नाम काटने का आदेश शिक्षा विभाग के अपर सचिव के के पाठक ने दिया है। जिसके बाद […]

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Bihar: बिहार के सरकारी स्कूलों में 20 लाख बच्चों का नाम काटा गया, जानिए क्यों ?
  • October 23, 2023 2:58 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्लीः बिहार के सरकारी स्कूलों में बच्चों के नाम काटने का सिलसिला लगातार जारी है। राज्य के सरकारी स्कूलों में पिछले कुछ समय में 20 लाख से ज्यादा छात्र- छात्राओं का नामांकन रद्द किया जा चुका है। नाम काटने का आदेश शिक्षा विभाग के अपर सचिव के के पाठक ने दिया है। जिसके बाद से ये कार्रवाई लगातार प्रदेश स्तर पर जारी है। बता दें कि बिहार शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिया था कि जो बच्चों स्कूल से लगातार 15 दिनों से गायब है। वो भी बगैर किसी सूचना के उनका नामांकन रद्द कर दिया जाए।

20 लाख बच्चों का भविष्य अधर में

बता दें कि विहार शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों से लगातार 15 दिनों तक गायब रहने वाले बच्चो का नाम काट दिया है। विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने आदेश दिया था कि जो बच्चे सरकारी स्कूल से 15 दिनों तक गायब रहने वाले बच्चों का नामंकन रद्द कर दिया जाए। वहीं इस आदेश के बाद अब तक 20 लाख 87 हजार 63 बच्चों का नाम सरकारी स्कूलों से काट दिया गया है। इस लिस्ट में 9वीं से लेकर 12वीं कक्षा तक के बच्चे शामिल है।

सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए बच्चे ले रहे नामांकन – सरकार

जिन बच्चों का नाम सरकारी स्कूल से काटा गया है। उसकी लिस्ट जारी क दी गई है। शिक्षा विभाग के द्वारा इस प्रकार के कार्रवाई का मकसद है फर्जी नामांकन लेने वाले छात्र- छात्राओं का नाम काटा जाए। सरकार का यह भी तर्क है कि सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए कई बच्चे स्कूलों में नामांकन करा कर रखते है।

परिक्षा में नहीं बैठ सकेंगे छात्र- छात्राएं

विभाग ने ये भी आदेश दिया है कि जिन छा- छात्राओं के नाम काटे गए है उनकी पहचान कर 2024 की सेंटअप परिक्षा में शामिल नहीं किया जाए। इतना ही नहीं मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा में भी ऐसे छात्र- छात्राओं को शामिल नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि रहात की बात ये है कि किसी वाजिब कारण से अनुपस्थित रहने वाले बच्चों का अगर नाम काटा गया है। तो उन्हें विभार नामांकन का मौका नियमों के मुताबिक दिया जाएगा।

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