नई दिल्ली। पृथ्वी पर सबका प्रभाव पड़ता है फिर चाहे वो चांद हो या सूरज सब की प्रतिक्रिया का असर पृथ्वी पर पड़ता है और बात जब ग्रहण की हो तो ये व्यक्ति वस्तु सब पर प्रभाव डालता है। मगर क्या आप जानते हैं इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण आप पर क्या प्रभाव डालते […]
नई दिल्ली। पृथ्वी पर सबका प्रभाव पड़ता है फिर चाहे वो चांद हो या सूरज सब की प्रतिक्रिया का असर पृथ्वी पर पड़ता है और बात जब ग्रहण की हो तो ये व्यक्ति वस्तु सब पर प्रभाव डालता है। मगर क्या आप जानते हैं इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण आप पर क्या प्रभाव डालते है। तो चलिए जानते हैं आखिर चंद्रगहण कब हैं? और क्या कहते हैं इस पर ज्योतिष शास्त्र।
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण
सूर्य ग्रहण के बाद चंद्रगहण लगने वाला है ऐसा कहा जाता है एक ही साथ दोनों ग्रहण लगना किसी खतरें के आने की अनुभूति देता है। इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर को रात 11 बजकर 32 मिनट से शुरू होगा और 29 अक्टूबर को सुबह 3 बजकर 36 मिनट पर समाप्त हो जाएगा. मगर चंद्रगहण से 9 घंटे पहले ही सूतक काल शुरू हो जाएगा। ऐसा माना जाता है कि सूतक काल में कुछ परहेज किए जाते हैं.
सूतक काल का समय
28 अक्टूबर को पड़ रहें चंद्रगहण में 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाएगा जो की दोपहर 02 बजकर 52 मिनट से प्रारंभ हो कर रात 02 बजकर 22 मिनट पर समाप्त हो जाएगा .
सूतक काल में किन चीजों की है मनाही
शास्त्रों के अनुसार सूतक के दौरान कोई भी शुभ कार्य पूजा, खरीदारी नहीं करनी चाहिए. सूतक काल में सूर्य को अर्घ्य देने कि मनाही होती है. साथ ही तुलसी और किसी भी पूजनीय पेड़-पौधों में जल अर्पित नहीं करना चाहिए. इस दौरान सोना से दोष लगता है. पूजा भी नहीं करनी चाहिए और न ही भगवान को छुना चाहिए , तथा उनके कपाट बंद कर देने चाहिए. इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को ग्रहण में बाहर नहीं निकल ना चाहिए। ग्रहण के प्रभाव से गर्भ में पल रहे बच्चे को तथा मां के ऊपर प्रभाव पड़ सकता है.