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सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर 2,275 रुपये प्रति क्विंटल किया, 6 रबी फसलों के MSP में भी वृद्धि

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को विपणन सत्र 2024-25 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 150 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाकर 2,275 रुपए क्विंटल कर दिया है. आपको बता दें कि रबी की पांच अन्य फसलों सरसों, कुसुम, जौ, चना, मसूर की एमएसपी में भी बढ़ोतरी की है. यह फैसला 18 अक्टूबर को […]

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सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर 2,275 रुपये प्रति क्विंटल किया, 6 रबी फसलों के MSP में भी वृद्धि
  • October 19, 2023 10:10 am Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को विपणन सत्र 2024-25 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 150 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाकर 2,275 रुपए क्विंटल कर दिया है. आपको बता दें कि रबी की पांच अन्य फसलों सरसों, कुसुम, जौ, चना, मसूर की एमएसपी में भी बढ़ोतरी की है. यह फैसला 18 अक्टूबर को कैबिनेट मीटिंग में लिया गया है।

क्या है एमएसपी?

आपको बता दें कि न्यूनतम समर्थन मूल्य वो गारंटेड मूल्य है जो किसानों को उनकी फसल पर मिलता है. भले ही उस फसल की कीमतें बाजार में कम हो। इसका अर्थ यह है कि बाजार में फसलों की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का किसानों पर असर न पड़े और उन्हें न्यूनतम कीमत मिलती रहे। सरकार हर फसल सीजन से पहले सीएसीपी की सिफारिश पर एमएसपी तय करती है। यदि किसी फसल की अधिक पैदावार हुई है तो बाजार में उसकी कीमतें कम होती हैं, तब एमएसपी उनके लिए फिक्स एश्योर्ड प्राइज का काम करती है। एक तरह से आप समझ सकते है कि कीमतों में गिरने पर किसानों को बचाने वाली बीमा पॉलिसी की तरह काम करती है।

एमएसपी में 23 फसलें

1. अनाज- धान, गेहूं, मक्का, बाजरा, ज्वार, रागी और जौ शामिल है।
2. दाल- चना, अरहर/तुअर, उड़द, मूंग और मसूर शामिल है।
3. तिलहन- रेपसीड-सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी, तिल, कुसुम और निगरसीड शामिल है।
4. व्यावसायिक फसल- कपास, गन्ना, खोपरा और कच्चा जूट शामिल है।

पांच गीगावाट कैपेसिटी की लाइन को भी मंजूरी

इस संबंध में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि कैबिनेट मीटिंग में लद्दाख से मेन ग्रिड तक लाने के लिए पांच गीगावाट कैपेसिटी की लाइन को मंजूरी दी गई है. जिसका अनुमोदित लागत 20 हजार 773 करोड़ रुपए हैं. लद्दाख से हरियाणा के कैथल तक यह लाइन आएगी। ये पंजाब और हिमाचल जैसे राज्यों से होकर गुजरेगी और इसे राष्ट्रीय ग्रिड से जोड़ जाएगा।

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