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Manish Sisodia Bail: मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षितआठ महिने से जेल में है

नई दिल्लीः दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया उत्पाद शुल्क नीति मामले में जेल में बंद है। बता दें कि केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई और ईडी के द्वारा इस मामले की जांच करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया गया था। वहीं आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेता को जेल में रहते हुए करीब आठ महीने […]

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Manish Sisodia Bail: मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षितआठ महिने से जेल में है
  • October 17, 2023 6:29 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्लीः दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया उत्पाद शुल्क नीति मामले में जेल में बंद है। बता दें कि केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई और ईडी के द्वारा इस मामले की जांच करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया गया था। वहीं आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेता को जेल में रहते हुए करीब आठ महीने हो गए हैं। अब सुप्रीम कोर्ट ने कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले मामले के सिलसिले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। सोमवार को सु्प्रीम कोर्ट ने कहा था कि लगातार खारिज हो रही जमानत याचिकाओं के बीच सिसोदिया को अनिश्चित काल तक जेल में नहीं रखा जा सकता।

आम आदमी पार्टी को आरोपी बना सकती है जांच एजेंसी

वहीं जांच एजेंसी सीबीआई और ईडी ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि हम दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मामलों में आप को आरोपी बनाने पर विचार कर रहे हैं। सीबीआई और ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कोर्ट को बताया कि वे शराब नीति अनियमितता मामले में ‘आप’ को आरोपी बनाने पर विचार कर रहे हैं। मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान जांच एजेंसियों ने अदालत में यह दी।

26 फरवरी को हुई थी गिरफ्तारी

बता दें कि सिसोदिया को 26 फरवरी को ‘घोटाले’ में उनकी कथित भूमिका के लिए सीबीआई ने अरेस्ट किया था। तब से वह जांच एजेंसी की हिरासत में हैं। ईडी ने तिहाड़ जेल में उनसे पूछताछ के बाद 9 मार्च को सीबीआई की एफआईआर से जुड़े पैसे की हेराफेरी मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ ही उन्होंने 28 फरवरी को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। गौरतलब है कि इस मामले में विपक्षी दल भाजपा और दिल्ली में सत्तारुढ़ आम आदमी पार्टी के बीच जमकर सियासी तकरार भी होती है।

इससे पहले पांच अक्टूबर को आबाकारी नीति घोटाले मामले के लाभार्थी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसी से गंभीर सवाल पूछे थे। सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने कहा था की लाभार्थी आप को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी क्यों नही बनाया गया ?

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