नई दिल्लीः भारत के बंटबारे को लेकर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा यह एक ऐतिहासिक गलती है। पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि भारत का विभाजन कभी नहीं होना चाहिए था। उन्होंने इसे ऐतिहासिक गलती बताते हुए दुर्भागयपूर्ण करार दिया हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए था। ओवैसी- बहस के दौरान बताऊंगा विभाजन का […]
नई दिल्लीः भारत के बंटबारे को लेकर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा यह एक ऐतिहासिक गलती है। पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि भारत का विभाजन कभी नहीं होना चाहिए था। उन्होंने इसे ऐतिहासिक गलती बताते हुए दुर्भागयपूर्ण करार दिया हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए था।
ओवैसी- बहस के दौरान बताऊंगा विभाजन का जिम्मेदार कौन
भारत के विभाजन पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि आर अगर चाहे तो बहस का आयोजन कर सकते है। बहस के दौरान मैं बताऊंगा विभाजन का जिम्मेदार कौन है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी और भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के द्वारा लिखी गई किताब इंडिया विन्स फ्रीडम पढ़े। उस किताब में जिक्र किया गया है कि कैसे अबुल कलाम कांग्रेस नेताओं के पास गए और विभाजन के इस प्रस्ताव को स्वीकार न करने की विनती की थी।
विभाजन बिलकुल गलत- ओवैसी
मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, इस देश का बंटवारा नहीं होना चाहिए था। उस वक्त जितने भी नेता थे, वो सब विभाजन के जिम्मेदार थे। अगर आप मौलाना अबुल कलाम आजाद की किताब ‘इंडिया विन्स फ्रीडम’ पढ़ेंगे हैं, तब आपको पता चलेगा कि उन्होंने सभी कांग्रेस नेताओं से वीनती किया था कि देश का विभाजन न किया जाए। उन्होंने आगे दावा किया कि उस समय के इस्लामिक विद्वानों ने भी दो राष्ट्र सिद्धांत का विरोध किया था।
दरअसल सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा था के भारत विभाजन के लिए जिन्ना नहीं हिंदू महासभा जिम्मेदार है। इस पर किए गए प्रशन पर ओवैसी ने कहा कि भारत के विभाजन के लिए कौन जिम्मेदार है, इस सवाल के जवाब के लिए एक बहस का आयोजन करा लें। इस वक्त मैं इस पर कुछ नहीं बोल सकता।