नई दिल्ली। मेरा रंग फाउंडेशन के 7 साल पूरे होने की खुशी में नई दिल्ली में स्थित साहित्य अकादमी में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया है. जिसका विषय समाज में भाषा और जेंडर रखा गया था. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रसिद्ध लेखिका तसलीमा नसरीन शामिल हुई. उन्होनें अपनी अंग्रेजी में अनुवादित संग्रह ‘शेमलेस’ से […]
नई दिल्ली। मेरा रंग फाउंडेशन के 7 साल पूरे होने की खुशी में नई दिल्ली में स्थित साहित्य अकादमी में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया है. जिसका विषय समाज में भाषा और जेंडर रखा गया था. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रसिद्ध लेखिका तसलीमा नसरीन शामिल हुई. उन्होनें अपनी अंग्रेजी में अनुवादित संग्रह ‘शेमलेस’ से कुछ दिल को लगनें वाली कविताएं सुनाई. इसी मौके पर पर्वतारोही प्रिया कुमारी को ‘रंग साहस का’ सम्मान दिया गया. युवा साहित्यकार वैभव श्रीवास्तव ने कार्यक्रम का संचालन किया.
कार्यक्रम की शुरुआत ‘मेरा रंग फाउंडेशन’ की संस्थापक शालिनी श्रीनेत ने की जिसमें वह अपनें फउंडेशन की साल भर की गतिविधियों के बारे में बताते हुए कार्यक्रम की शुरूआत करती है और बताती है कि उनकी संस्था ने रंग सार्थक नाम से गोरखपुर में एक प्रोजेक्ट शुरू कर दिया है. इसके अलावा ‘किताबों के रंग’ नामंक कार्यक्रम की एक शृंखला का भी आरंभ जल्द ही किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले की रहने वाली प्रिया कुमारी जिनके नाम के आगे पर्वतारोही अब लगाया जाता है इसके लिए प्रिया नें कड़ी मेहनत की है और उनकी मेहनत का रंग अब तक जारी है. पहले वह रानी लक्ष्मी बाई पुरस्कार से भी सम्मानित हुई. इसके बाद इस वर्ष 2023 का रंग साहस का सम्मान उन्हें दिया गया. प्रसिद्ध लेखिका गीताश्री ने प्रिया कुमारी का परिचय देते हुए. कहा की प्रिया की बचपन से ही खेलकूद में दिलचस्पी थी और बाद में उनकी रुचि पर्वतारोहण में हुई और उन्होंने इसमें शिक्षा लेनी शुरू की. बचपन में माता-पिता से बिछड़ ने के बाद भी इतनी बेकार परिस्थितियों में ये मुकाम पाया।