पटना: बिहार में जातीय गणना को लेकर सियासी महासंग्राम जारी है. राज्य की विपक्षी पार्टी बीजेपी इस मुद्दे को लेकर महागठबंधन सरकार की नीयत पर सवाल खड़े कर रहे हैं. इस बीच भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने जातीय गणना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है […]
पटना: बिहार में जातीय गणना को लेकर सियासी महासंग्राम जारी है. राज्य की विपक्षी पार्टी बीजेपी इस मुद्दे को लेकर महागठबंधन सरकार की नीयत पर सवाल खड़े कर रहे हैं. इस बीच भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने जातीय गणना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि बिहार में आपको एक भी ऐसी जाति नहीं मिलेगी जो ये कहे कि सर्वे सही से हुआ है. जातीय जनगणना का नाटक सीएम नीताश कुमार ने सिर्फ तुष्टिकरण के लिए किया है.
बता दें कि इससे पहले सोमवार को राज्य सरकार ने जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी कर दिए. रिपोर्ट के मुताबिक राज्य की आबादी करीब 13 करोड़ है. जिसमें 81.99 फीसदी हिंदू और 17.7 फीसदी मुस्लिम आबादी है. इसके साथ ही ईसाई 0.5 और सिख 0.011 फीसदी हैं.
जातियों की बात करें तो अत्यंत पिछड़ा 36 फीसदी, पिछड़ा वर्ग 27 फीसदी, अनुसूचित जाति 19 फीसदी और अनुसूचित जनजाति 1.68 फीसदी हैं. बिहार सरकार के विकास आयुक्त विवेक सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये आंकड़े पेश किए हैं. जाति आधारित जनगणना में राज्य की कुल आबादी 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 बताई गई है.
विकास आयुक्त विवेक सिंह ने बताया कि बिहार में सवर्णों की तादाद 15.52 फीसदी, भूमिहार 2.86 फीसदी, ब्राह्मण 3.66 फीसदी, कुर्मी 2.87 फीसदी, मुसहर 3 फीसदी हैं. इसके साथ ही यादवों की तादाद 14 फीसदी और राजपूतों की 3.45 फीसदी है.
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