नई दिल्लीः बिहार में हाल ही में जारी हुए जातिय जनगणना की रिपोर्ट पर सियासत तेज हो गई है। विपक्ष तो सवाल उठा ही रहा है लेकिन अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी के सांसद सुनिल कुमार पिंटू ने रिपोर्ट पर सवाल खड़े कर दिए है। उन्होंने अपने ही सरकार के खिलाफ मोर्चा […]
नई दिल्लीः बिहार में हाल ही में जारी हुए जातिय जनगणना की रिपोर्ट पर सियासत तेज हो गई है। विपक्ष तो सवाल उठा ही रहा है लेकिन अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी के सांसद सुनिल कुमार पिंटू ने रिपोर्ट पर सवाल खड़े कर दिए है। उन्होंने अपने ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उनका कहना है कि सभी जाति के संख्या के आंकड़े को रिपोर्ट में कम दिखाया है। उन्होंने इस रिपोर्ट को पूरी तरह से गलत करार दिया है। साथ ही उन्होंने सीएम नीतीश कुमार से फिर से जाति गणना कराने की मांग की है।
सांसद ने उठाए जातिय गणना पर सवाल
सीएम नीतीश कुमार की पार्टी से सांसद सुनिल कुमार पिंटू ने जाति गणना रिपोर्ट पर गंभिर सवाल उठाते हुए बगावती तेवर अपना लिया है। उन्होंने कहा कि वह तेली समाज से आते है और उनके समाज को इस गणना इस गणना रिपोर्ट में कम दिखाया गया है। उन्होंने बिहार के कई जिलों में अपने समाज के लोगों से बातचीत की है। साथ ही उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी कर नीतीश कुमार को चेतावनी देते हुए कहा कि आने वाले 8 अक्टूबर को होने वाले पटना में तेली साहू समाज के सम्मेलन में शामिल होंगे और सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे।
जातिय गणना रिपोर्ट को जानिए
जातिगत जनगणना के आंकड़े के मुताबिक राज्य में कुल 13 करोड़ से ज्यादा की आबादी है। जो 2011 की जनगणना के मुकाबले 25.5 फीसदी ज्यादा है। पिछड़ा वर्ग की कुल आबादी राज्य की जनसंख्या का 63 प्रतीशत से भी ज्यादा है। इनमें 27 फीसदी से ज्यादा पिछड़ी जातियां तो 36 फीसदी से ज्यादा अति पिछड़ी जातियां भी शामिल हैं। अनुसूचित जाति की आबादी 19.65 फीसदी है। वहीं, अनुसूचित जनजाति की आबादी 1.68 फीसदी है। इसके साथ ही कुल आबादी में सामान्य वर्ग की हिस्सेदारी करीब 15.52 फीसदी है।