लखनऊ: बिहार में जातिगत गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद से पूरे देश में इसे लेकर बहस तेज हो गई है. इस बीच भारतीय जनता पार्टी के सांसद मुकेश राजपूत ने जातिगत जनगणना का समर्थन किया है. उन्होंने कहा है कि अगर गाय, भैंस और बकरी की गिनती हो सकती है तो जातिगत जनगणना […]
लखनऊ: बिहार में जातिगत गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद से पूरे देश में इसे लेकर बहस तेज हो गई है. इस बीच भारतीय जनता पार्टी के सांसद मुकेश राजपूत ने जातिगत जनगणना का समर्थन किया है. उन्होंने कहा है कि अगर गाय, भैंस और बकरी की गिनती हो सकती है तो जातिगत जनगणना क्यों नहीं? बुधवार को उन्नाव पहुंचे सांसद राजपूत ने कहा कि सिर्फ यूपी में ही नहीं बल्कि पूरे देश में पिछड़े समाज के लोगों की जनसंख्या 55 फीसदी से ऊपर है. मेरा व्यक्तिगत तौर पर मानना है कि इसकी गणना की जानी चाहिए.
सांसद मुकेश राजपूत ने कहा कि सभी जातियों की जनगणना होनी चाहिए. जब इस देश में गाय, भैंस, बकरी, शेर और ऊंट की गणना की जा सकती है तो जाति भी गणना की जानी चाहिए. मैं तो चाहता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार को जाति की गणना की करवानी चाहिए. बता दें कि फर्रुखाबाद से भाजपा सांसद मुकेश राजपूत बुधवार को उन्नाव में पूर्व सीएम स्वर्गीय कल्याण सिंह की मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे.
बिहार में जातिगत गणना की रिपोर्ट जारी होने के सवाल पर मुकेश राजपूत ने कहा कि मैं इसका समर्थन करता हूं. उन्होंने कहा कि जब इस देश में इसकी गिनती हो सकती है कि यहां कितनी गाय, भैंस और बकरी हैं. हमारे पास कितने शेर और ऊंट हैं इसकी गणना की जा सकती है तो जाति की गणना क्यों नहीं की जा सकती है. बीजेपी सांसद ने कहा कि केंद्र सरकार ने अभी ये किया नहीं है इसलिए अभी मैं इस पर और कुछ नहीं कहूंगा. मैं तो यही चाहता हूं कि सरकार को जाति की गणना करवानी चाहिए.
बता दें कि इससे पहले सोमवार को बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले बड़ा दांव खेलते हुए जातिगत गणना के परिणाम जारी कर दिए. इस सर्वे में पता चला है कि बिहार में ओबीसी और ईबीसी की आबादी 63 फीसदी है.
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