नई दिल्ली: आगामी लोकसभा चुनाव में अब एक साल से भी कम का समय बचा है। इसके मद्देनजर ज्यादातर बड़ी पार्टियों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में भाजपा हाल ही में लोकसभा और राज्यसभा में पारित हुए महिला आरक्षण बिल को लेकर बड़ा दांव खेल सकती है। ऐसे कयास लगाए जा […]
नई दिल्ली: आगामी लोकसभा चुनाव में अब एक साल से भी कम का समय बचा है। इसके मद्देनजर ज्यादातर बड़ी पार्टियों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में भाजपा हाल ही में लोकसभा और राज्यसभा में पारित हुए महिला आरक्षण बिल को लेकर बड़ा दांव खेल सकती है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि 2026 के परिसीमन से पहले ही भाजपा 33 प्रतिशत टिकट महिलाओं को दे सकती है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान ऐसा करने से मौजूदा कई सांसदों के टिकट कटने की संभावना है।
फिलहाल पश्चिमी यूपी के कई लोकसभा सीटों पर महिला आरक्षण बिल पारित होने के बाद से ही महिला दावेदारों की सक्रियता तेजी से बढ़ गई है। वहीं दूसरी तरफ इस बार उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों को जीतने की दावेदारी ठोक रही भाजपा ने बूथ स्तर पर नई महिला मतदाताओं को जोड़ने का प्लान बनाया है। जानकारी के मुताबिक पश्चिम क्षेत्र की 14 लोकसभा सीटों में चार से पांच सीटों पर महिलाओं को उम्मीदवार बनाए जाने की उम्मीद है।
ऐसा माना जा रहा है कि पश्चिमी यूपी में हापुड़ की जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा नागर अमरोहा लोकसभा सीट पर दावेदारी ठोक सकती हैं। वहीं राज्यसभा सदस्य कांता कर्दम को बुलंदशहर सुरक्षित सीट से उम्मीदवार बनाया जा सकता है। इसके अलवा गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट पर बुलंदशहर की जिला पंचायत अध्यक्ष डा. अंतुल तेवतिया अपनी दावेदारी पेश कर सकती हैं।
बात की जाए अगर संभल की तो यहां पर 2019 लोकसभा चुनाव में हारने वाली जयाप्रदा को भाजपा एक बार फिर से अपना प्रत्याशी बना सकती है। वहीं मुजफ्फरनगर में केंद्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान की पत्नी काफी लंबे समय से सक्रिय नजर आ रही हैं। इसके साथ ही पूर्व कैबिनेट मंत्री बाबू हुकुम सिंह की बेटी मृगांका कैराना लोकसभा सीट पर अपनी तैयारी पूरी करती दिख रही हैं।