चंद्रबाबू नायडू के बाद अब बेटे नारा लोकेश को सीआईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया

नई दिल्ली: शनिवार को आंध्र प्रदेश की सीआईडी ने अमरावती इनर रिंग रोड मामले में टीडीपी के महासचिव नारा लोकेश को नोटिस भेजा है। सीआईडी ने नारा लोकेश को 4 अक्टूबर को पूछताछ के लिए बुलाया है। सीआईडी ने धारा 41ए के तहत नोटिस जारी किया है। बता दें कि टीडीपी नेता पिछले कुछ दिनों से […]

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चंद्रबाबू नायडू के बाद अब बेटे नारा लोकेश को सीआईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया

Arpit Shukla

  • October 1, 2023 6:22 am Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली: शनिवार को आंध्र प्रदेश की सीआईडी ने अमरावती इनर रिंग रोड मामले में टीडीपी के महासचिव नारा लोकेश को नोटिस भेजा है। सीआईडी ने नारा लोकेश को 4 अक्टूबर को पूछताछ के लिए बुलाया है। सीआईडी ने धारा 41ए के तहत नोटिस जारी किया है। बता दें कि टीडीपी नेता पिछले कुछ दिनों से नई दिल्ली में रह रहे हैं। नोटिस देने के लिए सीआईडी की एक टीम राष्ट्रीय राजधानी गई थी। बता दें कि लोकेश को 4 अक्टूबर को सुबह 10 बजे सीआईडी कार्यालय में पूछताछ के लिए उपलब्ध रहने का निर्देश दिया है।

14वें आरोपी हैं नारा लोकेश

26 सितंबर को सीआईडी ने विजयवाड़ा एसीबी कोर्ट में एक मेमो दाखिल किया था, जिसमें लोकेश को मामले में 14वां आरोपी बताया था। टीडीपी महासचिव लोकेश ने मामले में अग्रिम जमानत के लिए आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय का रुख किया था। सुनवाई के दौरान सीआईडी ने कोर्ट को बताया था कि वह आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए के तहत उनको नोटिस जारी करेगी।

नहीं होगी गिरफ्तारी  

इस केस में गिरफ्तारी की आशंका नहीं है, इसलिए अदालत ने टीडीपी नेता को जांच में सहयोग करने के लिए कहकर उनकी याचिका का निपटारा कर दिया।   बता दें कि लोकेश टीडीपी प्रमुख और पूर्व सीएम एन चंद्रबाबू नायडू के बेटे हैं। बता दें कि चंद्रबाबू नायडू फिलहाल कौशल विकास घोटाला मामले में न्यायिक हिरासत में हैं।

वाईएसआरसीपी के विधायक ने की थी शिकायत

मई 2022 में सीआईडी ने अमरावती में एक इनर रिंग रोड के निर्माण में कथित अनियमितताओं के लिए चंद्रबाबू नायडू, पूर्व नगर प्रशासन मंत्री डॉ. पी नारायण, हेरिटेज फूड्स लिमिटेड और कई अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।एफआईआर वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के मंगलगिरी विधायक ए राम कृष्ण रेड्डी की शिकायत पर दर्ज की गई थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि 2014-2019 के बीच आंध्र प्रदेश की राजधानी के लिए मास्टर प्लान के डिजाइन और रिंग रोड के संरेखण के संबंध में उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारियों की ओर से कुछ अवैध और भ्रष्ट गतिविधियां की गईं, जिससे कुछ लोगों को गलत लाभ पहुंचाया जा सके।

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